- पृथ्वी के उत्तरी भाग पर सूर्यग्रहण, भारत में देखने के लिये 2 अगस्त 2027 का करना होगा इंतजार
इटारसी। होली पर घटित चंद्रग्रहण के 15 दिन बाद कल 29 मार्च को आंशिक सूर्यग्रहण (पार्शियल सोलर इकलिप्स की घटना होने जा रही है। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 20 मिनट 43 सैकंड से आरंभ होकर शाम 6 बजकर 13 मिनट 45 सैकंड तक यह घटना होगी। इसे यूरोप, उत्तरी एशिया, नार्थ अमेरिका का कुछ भाग, नार्थ वेस्ट अफ्रीका में देखा जा सकेगा लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण की वैज्ञानिक जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि ग्रहण का आरंभ पृथ्वी के एक हिस्से से आरंभ होकर दूसरे भूभाग पर समाप्त होगा। एक गणना के अनुसार आंशिक ग्रहण का कुछ न कुछ भाग विश्व की जनसंख्या का लगभग 9.94 प्रतिशत लोग देख सकेंगे।
सारिका ने बताया कि सूर्य और पृथ्वी के बीच परिक्रमा करते चंद्रमा के एक सीध में आ जाने से पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर सूर्य पूरी तरह दिखाई नहीं देगा। इससे आंशिक सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना होगी। चंद्रग्रहण की घटना के दो सप्ताह बाद या पहले सूर्यग्रहण की घटना होती ही है।
सारिका ने जानकारी दी कि भारत के अधिकांश हिस्सों में सूर्यग्रहण को देखने के लिये 2 अगस्त 2027 का इंतजार करना होगा। यह यहां आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में दिखेगा।