किराना व्यापारी नाराज, होम डिलीवरी करने से हाथ खींचा 

Post by: Manju Thakur

इटारसी। शहर के बाजार क्षेत्र से अब तक होम डिलेवरी करके घरों तक किराना पहुंचा रहे दुकानदार अब यह सेवा नहीं करेंगे। यानी होम डिलेवरी आज से बंद। किराना दुकानदारों ने पुलिस की कथित ज्यादती के विरोध में यह फैसला लिया है और प्रशासन से मांग की है कि अब उनको सुबह 10 से शाम 5 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति दी जाए। उनकी दलील है कि अन्य कई शहरों में ऐसी व्यवस्थाएं हैं, जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं। केवल इस शहर का प्रशासन ही इस तरह के निर्णय नहीं ले पा रहा है।
दरअसल, यह कहानी शुरु हुई है, खाद्य एवं औषधि विभाग की पिछले दिनों से की जाने वाली कार्रवाई के बाद। कुछ दुकानदारों का आरोप है कि खाद्य एवं औषधि विभाग की कार्रवाई में भेदभाव है। चहेते दुकानदारों को छोड़ जाता है और उनकी शिकायत पर अन्य पर कार्रवाई की जाती है। इस नाराजी को और बढ़ाया है, पुलिस द्वारा की गई आज की कार्रवाई ने। पुलिस ने आज एक किराना दुकानदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

ये है दुकानदारों का पक्ष
किराना दुकानदारों का कहना है कि वे होम डिलेवरी के लिए दुकान खोलते हैं। इस दौरान बाजार में घूमने आने वाले कई बार उनकी दुकान पर आकर सामान लेने की जिद करते हैं। मना करो तो विवाद करने लगते हैं। ऐसे में कभी-कभी एकाध सामान दे भी देते हैं। लेकिन, कतिपय लोग फोटो खींचकर पुलिस बुला लेते हैं। आज के मामले में तो कुछ अलग ही हुआ। दरअसल, एक ग्राहक ने होम डिलीवरी का आर्डर दिया। फिर उसने स्वयं फोन लगाकर कहा कि मेरा सामान पैक हो गया हो तो बता दो, मैं दवा लेने बाजार ही आया हूं, सामान खुद ले जाऊंगा। दुकानदार बसंत किराना के संचालक ने कहा कि ठीक है, आकर ले जाओ। खुद ग्राहक भी यही बात कह रहा है कि वह बाजार आया था, इसलिए यहां लेने आ गया उसने होम डिलीवरी का आर्डर दिया था। लेकिन पुलिस नहीं मानी और दुकान सील करके संचालक को थाने ले गये। संचालक सुरेश पिता बसंत लालवानी 42 वर्ष के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज कर लिया है।

ये है दुकानदारों की मांग
अब किराना दुकानदारों का कहना है कि वे होम डिलीवरी नहीं करेंगे, प्रशासन हमें सुबह 10 से शाम 5 बजे तक दुकान संचालित करने की अनुमति दे, जैसा अन्य शहरों में दी गयी है। दुकानदारों का कहना है सुबह 7 से 10 बजे तक दूध और सब्जी की बिक्री को भी अनुमति मिलना चाहिए। किराना व्यापारी संघ के कर्मवीर गांधी ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी आकर दुकान सील कर जाते हैं, और फिर जब हमको सील खुलवाना होता है तो बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोटा में कफ्र्यू के बावजूद सुबह 8 से 3 बाजार खोला जाता है। यवतमाल महाराष्ट्र में सातों दिन अलग-अलग समय पर अलग-अलग चीजों का मार्केट खुलता है। उनका कहना है कि प्रशासन की कार्रवाई के खौफ में हम कब तक ऐसा व्यापार करेंगे। हम तो प्रशासन के कहने से होम डिलीवरी कर रहे हैं, ऐसे में हमको इस तरह से जलील होना पड़ेगा तो हम क्यों यह सब करेंगे। हम खुद जोखिम उठाकर होम डिलीवरी का कार्य करने को तैयार हुए हैं।

एसडीएम बोले नए आदेश तक काम करिए
सभी किराना व्यापारियों ने रात 8 बजे के बाद एसडीएम सतीश राय से इस संबंध में चर्चा की और होम डिलीवरी नहीं करने के अपने निर्णय से अवगत कराया। पहले मिलने का समय शाम को 7 बजे तय किया गया था लेकिन कंटेंटमेंट क्षेत्र नाला मोहल्ला में राशन वितरण के दौरान एसडीएम की मौजूदगी से ऑफिस में मुलाकात का समय रात 8 बजे कर दिया गया। 8 बजे के बाद मुलाकात में एसडीएम श्री राय ने सभी किराना व्यापारियों की बात सुनी और उनको कहा कि लॉक डाउन खत्म होने का समय नजदीक है, ऐसे में कुछ दिन और जैसे काम कर रहे हैं, वैसे ही करते रहें क्योंकि लॉक डाउन खत्म होने के बाद नया प्रोग्राम आएगा और उसके बाद उसके अनुसार ही हम काम करेंगे।अतः कुछ दिन यही व्यवस्था चलने दें। एसडीएम से बातचीत के बाद व्यापारियों ने तय किया है कि सभी व्यापारी कल सुबह आपस में मिलकर चर्चा करेंगे फिर आगे होम डिलीवरी करना है, या नहीं करना है, इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल व्यापारी होम डिलीवरी नहीं करने के निर्णय पर कायम हैं।

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