इटारसी। बारिश के दिनों में टूटी या बिना रैलिंग की पुलियाएं खतरनाक साबित हो सकती हैं। शहर और आसपास ऐसी अनेक पुलियाएं हैं जिनकी या तो रैलिंग पिछली बरसात में टूट गयी थीं, या फिर उन पर रैलिंग बनायी ही नहीं गई हैं। ऐसी पुलियाओं में सोनासांवरी (Sonasawari) और इटारसी के मध्य पहाड़ी नदी की पुलिया, मेहरागांव (Mehrgaon) और इटारसी (Itarsi) के मध्य की पुलिया, न्यास बायपास की पुलिया, नयायार्ड रोड पर इटारसी और नयायार्ड रोड की पुलियाएं शामिल हैं।
इनमें से ज्यादातर पुलिया ऐसी हैं, जिन पर यातायात सर्वाधिक होता है। इटारसी से नयायार्ड, भट्टी, तरोंदा, तीखड़, जमानी और आसपास के गांवों के लिए ग्वालबाबा (Gwalbaba) के पीछे की पुलिया के अलावा ठंडी पुलिया होकर नयायार्ड जाने वाले मार्ग पर नयी बनी पुलिया की रैलिंग टूटी तो बनायी नहीं गयी है। न्यास बायपास की पुलिया के ऊपर जब पानी आता है तो समझ नहीं आता कि पुलिया कहां तक है, ऐसे में निकलने वाले वाहनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
एक सबसे अधिक चलने वाला रोड है ग्राम सोनासांवरी और इटारसी के मध्य की पुलिया पर से। इसकी रैलिंग भी पिछली बारिश में टूटी थी जो अब तक बनायी ही नहीं गयी है। सोनासांवरी और साकेत गांव शहर से सटे होने के कारण यहां की आबादी इटारसी के बाजार पर निर्भर है। इसी तरह से सोनासांवरी गांव के साइड में बनी बड़ी कालोनी साईं फार्च्यून सिटी (Sai Fortune City) की बड़ी आबादी भी इसी पुलिया से होकर शहर आती है। यदि बारिश के पूर्व इन पुलियाओं की रैलिंग नहीं बनीं तो ये खतरनाक साबित हो सकती हैं।
इनका कहना है…
- आने वाले बारिश के मौसम के पूर्व सोना सांवरी ग्राम के पास वाली नदी के पुल की टूटी हुई रैलिंग में सुधार कार्य करवा लिया जाएगा ताकि राहगीरों को आवागमन में बरसात के मौसम में कोई परेशानी ना हो सके।
एके मेहतो, सब इंजीनियर लोक निर्माण विभाग
- नयायार्ड रोड पर काम चल रहा है, इसके साथ ही इस पुलिया की रैलिंग का काम भी कराया जाएगा। बारिश के पूर्व ही रैलिंग का काम पूर्ण करा लिया जाएगा।
एके मालवीय, एईएन रेलवे