इटारसी। मध्यप्रदेश नगर निगम, नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले आज से संपूर्ण मप्र में नगरीय निकाय के कर्मचारी बेमियादी हड़ताल शुरु होने के महज चार घंटे में न सिर्फ शासन ने नपा कर्मचारियों की मांगें मानी लीं, बल्कि उनकी छह में से तीन मांगों पर आदेश भी जारी हो गए हैं, शेष तीन मांगों पर जल्द ही निर्णय लेने का आश्वासन मिला है। आदेश की कॉपी हाथ में आने पर शाम 3 बजे के बाद यहां हड़ताल पर बैठे कर्मचारी काम पर लौट आए हैं।
सोमवार को नगर पालिका के जिलेभर में करीब साढ़े पांच सौ कार्यालयीन कर्मचारी आधा दिन कामबंद हड़ताल पर रहे, इसके बाद मांगें मान लिए जाने के आदेश आने पर हड़ताल स्थगित कर दी गई। नपा कर्मचारियों ने मांगें पूरी हो जाने पर शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। आज सुबह करीब 10:30 बजे कर्मचारी नपा के सामने टेंट लगाकर धरने पर बैठे और नारेबाजी की। शाम 3 बजे हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की और काम पर लौट गए।
ये तीन मांगें मान ली गईं
मप्र नगर निगम, नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संजय दुबे ने बताया कि हमारी छह मांगें थीं जिनमें सरकार ने तीन मांगें मान ली हैं और उनके आदेश भी जारी हो गए हैं। शेष तीन मांगों पर आगामी कुछ दिन में निर्णय होने का आश्वासन मिला है। नपा कर्मचारियों को सातवे वेतनमान का लाभ मिलेगा, इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। समयमान वेतनमान की भी स्वीकृति हो गई है, इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इसी तरह से सितंबर 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी मान लिया है।
ये आदेश प्रसारित हुए हैं
नगरीय निकाय का स्थापना व्यय 65 प्रतिशत की सीमा में होने की स्थिति में, नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 58 अथवा नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 94 के अंतर्गत नियुक्त अपने अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवे वेतनमान व एरियर्स का लाभ 1 जनवरी 2016 से देने के लिए राज्य शासन एतद् द्वारा, नगरीय निकाय की परिषदों को अधिकृत करता है। नगरीय निकायों द्वारा सातवा वेतनमान लागू करने के फलस्वरूप आने वाला वित्तीय भार स्वयं के स्रोतों से वहन किया जाएगा। इस हेतु राज्य शासन द्वारा कोई अतिरिक्त अनुदान नहीं दिया जाएगा।