---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

चिकित्सकों को उपलब्ध कराई जा रहीं राज्य में ही तैयार पी.पी.ई. किट्स

By
On:
Follow Us

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ राज्य में कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्य पर चर्चा कर उनके सुझाव प्राप्त किए। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए विभिन्न स्तरों पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण में संलग्न चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट्स की आपूर्ति अब तक प्रदेश के बाहर से हो रही थी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से अनुमोदन के बाद अब राज्य में ही पी.पी.ई. किट्स तैयार हो रही हैं।

प्रदेश में रोजाना तैयार हो रही 10 हजार पीपीई किट्स
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजाना करीब 10 हजार पी.पी.ई. किट्स तैयार हो रही हैं। इन्हें आवश्यकतानुसार चिकित्सकों को उपलब्ध करवाने की व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित ही वायरस नियंत्रण में काफी सहयोग प्राप्त होगा। मास्क के निर्माण और वितरण के कार्य में सरकार के साथ स्वैच्छिक संगठनों, समाज सेवियों ने काफी अच्छी भागीदारी की है।

आनंद विभाग निभाएगा कोरोना नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आनंद विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग है, जिसे कोरोना नियंत्रण के कार्य में सक्रिय बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। अस्पतालों में जहाँ कोरोना से संक्रमित रोगी भर्ती हैं, उन्हें संगीत और फिल्म के साथ ही हल्का-फुल्का मनोरंजन उपलब्ध करवाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए आनंद विभाग सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आवश्यक गतिविधियाँ संचालित करेगा।

जनता समझ रही लॉकडाउन का महत्व
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की टेस्टिंग का कार्य बड़े पैमाने पर बढ़ा है। आमजन को जागरूक करने की गतिविधियां भी तेजी से चल रही हैं। लॉकडाउन के महत्व को समझते हुए लोग इसके पालन के प्रति गंभीर हुए हैं। श्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों का रोग नियंत्रण में महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। हम निश्चित ही जीतेंगे।

घरों तक पहुँचेगा आयुर्वेदिक काढ़ा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की करीब एक करोड़ आबादी का इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा उनके घरों तक पहुँचाया जाएगा। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में होम्योपैथिक दवा के डोज भी राज्य की जनता को दिए गए हैं। भविष्य में भी इनका उपयोग किया जाता रहेगा। आयुष विभाग इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

जनता के मन से भय निकलना जरूर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोगों के मन से यह भय निकलना जरूरी है कि किसी भी तरह के सर्दी-जुकाम और बुखार से कोरोना हो ही जाएगा। हड़कंप और तबाही जैसे शब्द उपयोग में आने पर जिस तरह निराशा का भाव बढ़ाता है, उसे भी चिकित्सकों, मीडिया के साथियों और स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से नियंत्रित किया जाएगा।

आईएमए के सुझावों पर अमल करेगी सरकार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों से प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों पर राज्य सरकार अमल करेगी। इसमें जन-जागरूकता बढ़ाने, टेली मेडिसिन का उपयोग बढ़ाने, बुखार के रोगियों को विशेष रूप से उपचार का लाभ देने, सार्थक एप के उपयोग और भारत सरकार द्वारा तैयार आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने के सुझाव शामिल हैं। श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में सार्थक एप तैयार किया गया है। इसके अलावा, कोरोना वायरस फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए एक ट्रेनिंग मॉडल भी बनाया जा रहा है। शीघ्र ही इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सुझाव देने वाले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्राप्त सुझावों को अमूल्य बताते हुए उन्हें चरणबद्ध रूप से लागू करने का विश्वास दिलाया।

वीडियो कान्फ्रेसिंग में प्राप्त सुझाव
डॉ. मुकुल तिवारी : इन दिनों टेली मेडिसीन ज्यादा उपयोगी है। उसका उपयोग बढ़ाना चाहिए। वरिष्ठ चिकित्सकों को सुविधा मिले। वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण लोगों में नकारात्मक विचार फैल रहे हैं, जिसे रोकने के लिए आनंद विभाग को सक्रिय कर प्रसन्नता बढ़ाने वाले कार्यक्रम हों।
डॉ. पुष्पराज भटेले : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राज्य सरकार के साथ है। रोग नियंत्रण के लिए जो प्रयास हो रहे हैं, उसमें हम आगे भी पूरा सहयोग करेंगे।
डॉ. पी.एस. चंदेल : प्रायवेट क्लीनिक उपचार के लिए अधिकृत किये जाएं, जिससे बुखार के रोगियों के उपचार में आसानी हो। सभी चिकित्सकों को बीमा योजना के दायरे में लाया जाए।
डॉ. रवि वर्मा : राज्य सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। सीनियर डॉक्टर्स फ्रंट लाइन की ड्यूटी पर न हों और उनकी सेकण्ड लाइन में कंसलटेंट के रूप में सेवाएं ली जाएं। वालंटियर्स को ट्रेनिंग दी जाए।
डॉ. सुधीर पाठक : डॉक्टर्स एवं अन्य स्टाफ को रियायती दर पर पी.पी.ई. किट्स और अन्य उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं।
डॉ. अरविंद जैन : निजी अस्पतालों में सैनिटाइजेशन की समुचित व्यवस्था हो। रैफर करने वाले चिकित्सक पर कार्रवाई नहीं की जाना चाहिए।
डॉ. एच.के. सिंह : आरोग्य सेतु एप के बाद जन-जागरूकता के लिए एक अलग एप बनाया जाए। बी.सी.जी. का टीकाकरण लाभकारी है। इसे निरंतर किया जाए। आयुष चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाए। वरिष्ठ नागरिकों को प्लानिंग के कार्यों में शामिल किया जाए।
डॉ. तेजिंदर : सोशल मीडिया के माध्यम से पब्लिक एजुकेशन का कार्य निरंतर होना चाहिए। लोगों को नई जीवन शैली अपनाने का संदेश देना होगा। मीडिया में नकारात्मक समाचारों का स्थान नहीं होना चाहिए। जो रोगी स्वस्थ्य होकर घर आ रहे हैं, उनके साक्षात्कर भी प्रकाशित हों। गलत मीडिया रिपोटर्स न आएं, जिससे लोगों का मनोबल बना रहें।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.