जातिवाद रहित राष्ट्र के लिए लिया श्री कृष्ण ने अवतार

इटारसी। संसार के प्रत्येक जन में धर्म के साथ ही कर्म का भाव भी रहे, सामाजिक एवं पारिवारिक परंपरा के साथ ही राष्ट्र धर्म का पालन भी करें। इसी आध्यात्मिक धर्म ज्ञान को संसार में प्रतिपादित करने के लिए परमात्मा श्रीहरि ने भगवान श्री कृष्ण के रूप में कर्मयोगी अवतार धारण किया। उक्त उद्गार नर्मदांचल के भागवत विशेषज्ञ कथाकार पं. जगदीश पाण्डेय ने व्यक्त किये।
ग्राम पथरौटा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम एवं श्री कृष्ण के जन्म प्रसंग की कथा का सुन्दर वर्णन किया। श्री पाण्डेय ने कहा कि संसार में आने वाले प्रत्येक जन को अपने जीवन में राष्ट्रधर्म का निर्वहन भी करना चाहिए। कुछ सत्तासीन इसके निर्र्वहन में अक्षम हो जाते हैं तो कुछ सत्ता के मद में चूर होकर अपने राजधर्म को भूलकर सत्ता का दुरुपयोग करने लगते हैं। जैसे कि रावण व कंस ने किया। परमात्मा ने लीलाओं से इन राजाओं को राजधर्म स्मरण कराया। चतुर्थ दिन के अंतिम प्रहर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव झांकी के साथ मनाया। कथाकार श्री पांडेय के साथ संगीतकार हरिनारायण दुबे, देवेन्द्र दुबे भजनकार अभय पांडे, राकेश दुबे ने संगीत की धुन पर सुमधुर भजनों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर कथा पंडाल को मथुरा-वृन्दावन जैसे सजाया था। अंत में आयोजन समिति द्वारा माखन मिश्री एवं पंजीरी का प्रसाद श्रोताओं को वितरित किया एवं आयोजन संयोजक बाबूलाल मेहतो ने समस्त श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

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