जिम्मेदारी तय : खेत में चिंगारी भड़कायी तो जाना पड़ेगा जेल

Post by: Manju Thakur

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अंत में सभी किसानों को नरवाई नहीं जलाने की शपथ दिलायी
इटारसी। रबी फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष में आग लगाने से रोकने के लिए इस बार किसान और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी तय की गई है। पिछले वर्षों में खेतों की नरवाई से लगी आग से हुए जान और माल के नुकसान से सबक लेते हुए, इस वर्ष प्रशासन ने सख्ती का फैसला किया है और किसी प्रकार की कोई रियायत इस बार नहीं मिलेगी। निश्चित तौर पर पुलिस में प्रकरण दर्ज होंगे। इसी तरह से बिजली अफसरों को भी सख्त निर्देश हैं कि वे खेतों से गुजरने वाले बिजली के तार को दुरुस्त करें। प्रशासन किसानों की सुन रहा है, सुझाव ले रहा है और अधिकारी गांवों को गोद लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं। कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
कृषि उपज मंडी परिसर में आज सोमवार को इटारसी तहसील स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरेन्द्र नारायण, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस उमेश द्विवेदी, पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, पूर्व मंडी अध्यक्ष विक्रम तोमर, जिला पंचायत सदस्य विजय चौधरी बाबू, कृषि मंडी समिति के सचिव उमेश बसेडिय़ा शर्मा, पथरोटा थानेदार प्रज्ञा शर्मा, जमानी से किसान हेमंत दुबे, होशंगाबाद से चंद्रगोपाल मलैया, इटारसी से सतीश पटेल सहित अनेक किसान मौजूद थे।

यह रहा प्रशासन का पक्ष
उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में नरवाई में आग न लगायी जाए। उन्होंने खेत को नरवाई मुक्त करने के विकल्प के तौर पर कंबाइन हार्वेस्टर में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाने, भूसा मशीन का उपयोग करने, मल्चर, बेलर हैप्पी सीडर जैसे कई विकल्प सुझाये और शासन से मिलने वाले अनुदान की जानकारी दी। श्री सिंह ने भूसा से होने वाले लाभ भी किसानों को बताये। उपसंचालक कृषि ने कहा कि जो जानबूझकर नरवाई में माचिस लगायेगा, उसे कतई नहीं छोड़ा जाएगा चाहे किसी की भी एप्रोच लगा ले। एसडीओ राजस्व हरेन्द्र नारायण ने कहा कि प्रशासन की अपनी कुछ सीमाएं हैं, किसानों को स्वयं भी जागरुक होना होगा। किसानों को मानवीय दृष्टिकोण का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि पिछले वर्ष कुछ स्वार्थ और कुछ लापरवाही से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। एसडीओपी उमेश द्विवेदी ने कहा कि इस बैठक से जो बातें जानी हैं, उन्हें किसान अपने गांव जाकर लोगों को बताएं और जागरुक करें। पुलिस भी गांवों में जाकर ग्रामीणों को जागरुक करेगी। होली की बैठक में ग्राम रक्षा समितियों को इसके लिए तैयार किया जाएगा।

जनप्रतिनिधियों का मत
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता विजय दुबे काकूभाई ने आश्वस्त किया कि कोई भी किसान यदि नरवाई में आग लगाते पकड़ाया तो उसे छोडऩे की कोई सिफारिश नहीं की जाएगी। उन्होंने मौजूद सभी किसानों को नरवाई नहीं जलाने और अन्य को नहीं जलाने देने की शपथ दिलायी। जिला पंचायत सदस्य और किसान विजय चौधरी बाबू ने कहा कि बंपर उत्पादन में हमारे जिले ने पुरस्कार प्राप्त किया, अब समय है कि जिले का नाम नरवाई नहीं जलाने वाले जिले में शामिल कराएं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य चंद्रगोपाल मलैया ने कहा कि बिजली विभाग के पास वक्त है, मेंटेनेंस कर लें। 60 फीसद घटनाएं बिजली की चिंगारी से ही होती हैं।

ये बोले किसान
जमानी के किसान हेमंत दुबे ने कहा कि उनके जमानी पेट्रोल पंप पर एक टैंकर हमेशा पानी से भरा और पंप लगा खड़ा रहेगा, जो आपात स्थिति में काम आएगा। यह टैंकर तीन-चार दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं कटाई के बाद भूसा निकालकर किसान तत्काल खेत जोत ले तो समस्या ही नहीं होगी। ऐसे किसान को पंचायत स्तर पर सम्मानित किया जाए। ग्राम साकेत के किसान मोहन झलिया ने कहा कि यह सराहनीय प्रयास है, भेड़-बकरी लेकर राजस्थान से आने वालों पर भी नजर रखी जानी चाहिए। स्वार्थ की भावना और मूंग के लिए कुछ किसान भी आग लगाते हैं, उसे साधन उपलब्ध होंगे तो वह आग नहीं लगायेगा। सतीश पटेल ने बंडल बनाने वाली मशीन बुलाने को कहा। डोबी तालपुरा के शिवप्रसाद गौर ने पिछले वर्षों में किये खुद के प्रयास बताए तो शरद वर्मा ने बताया कि वे नरवाई नहीं जलाते बल्कि हर वर्ष चार से पांच सौ ट्राली भूसा बेचते हैं।

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