इटारसी। शहर से निकलने वाला कचरा अब जिलवानी में भेजा जाने लगा है। इस नयी व्यवस्था से न्यास कालोनी के पास बायपास रोड पर कचरा डालने से होने वाली परेशानी से निजात मिल गयी है। कचरा निष्पादन के लिए नगर पालिका की कवायद पूरी तरह से खत्म हो और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट पर आगे बढ़ा जाए, इसके लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीपी राय ने बुधवार को जिलवानी जाकर वहां का निरीक्षण किया। उनके साथ सब इंजीनियर सोनिका अग्रवाल और स्वच्छता विभाग से कमलकांत बडग़ोती भी जिलवानी पहुंचे थे।
सीएमओ श्री राय ने जिलवानी की 13 एकड़ जमीन पर भविष्य के शहर को देखते हुए क्या कुछ किया जा सकता है, इसकी संभावना देखी और सब इंजीनियर सोनिका अग्रवाल से इसके लिए विस्तृत योजना बनाने को कहा। श्री राय ने कहा कि प्लान कर रहे हैं कि कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाए ताकि यहां खाद बनायें और अन्य चीजें भी तैयार की जा सकें। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि कचरे को कम से कम करके वैज्ञानिक तरीके से नष्टीकरण किया जाए।
रोज निकलता है 35 टन कचरा
शहर से रोज निकलने वाला करीब 35 टन कचरा हाईवे से लगे जिलवानी में प्रस्तावित ट्रेचिंग ग्राउंड पर डंप किया जा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण में यहां खाद के जो दो पिट बनाए थे। उनमें गीले कचरे को जैविक खाद में बदलने की योजना पर काम किया जा रहा है। यहां एफएसटी प्लांट बनकर सेप्टिक टैंक का मलबा खाद में तब्दील करने की योजना है। फिलहाल जिलवानी में प्रस्तावित ट्रेचिंग ग्राउंड का प्रोजेक्ट अधूरा है, इसी को पूरा करने की संभावना देखने आज सीएमओ सीपी राय ने यहां का दौरा किया है।
बाउंड्री बनाना प्राथमिकता है
जिलवानी में अभी काफी कुछ काम किया जाना है। बुधवार को सीएमओ श्री राय ने यहां का निरीक्षण करके बाउंड्रीवाल को प्राथमिकता में शामिल किया है। भविष्य में शहर से निकलने वाले कचरे और उसके वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन की योजना को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश उन्होंने सब इंजीनियर को दिये हैं। भविष्य की योजना में एफएसटीपी को पूर्ण करके विधिवत प्रोसेस में लाने की योजना है तो वर्षों से रखी फटका मशीन, बेलन मशीन को भी उपयोग में लाने की योजना पर काम किया जाना है।
फैक्ट फाइल
डोर टू डोर कचरा संग्रह – 34 वार्ड
प्रतिदिन का कचरा – करीब 36 टन
मैदानी सफाईकर्मी – 288
कचरा उठाने वाली ट्रॉली 4
कचरा ऑटो वाहन 20
डंपर वाहन 01
जेसीबी मशीन 02
कर्मचारियों के वेतन 11.35 लाख प्रतिमाह लगभग
क्या है एफएसटीपी
एफएसटीपी एक ऐसा प्लांट है, जिससे शौचालय के टंकी से निकाले गये पानी और उसके गाद को किसी खुले स्थान पर नहीं फेंका जायेगा। बल्कि उसे मशीन से तीन अलग-अलग चरण में ट्रीटमेंट किया जायेगा। इसके बाद प्राप्त गाद से खाद तैयार किया जायेगा। खाद का प्रयोग किसान अपने खेतों में उत्पादन क्षमता और उर्वरकता को बढ़ाने के लिए करेंगे। इसके बाद प्राप्त गंदा पानी का ट्रीटमेंट कर उसे शुद्ध किया जायेगा। इस पानी का प्रयोग कृषि कार्य व सिंचाई के कार्य में किया जायेगा। इस योजना को घनी आबादी वाले इलाका से दूर स्थापित किया जाता है।
इस योजना से फायदा
एफएसटीपी की स्थापना के बाद शौचालयों की सेप्टिक टेंक के मलबे से खाद बनाया जा सकेगा और पानी को भी फिल्टर कर उसका उपयोग कृषि कार्य में किया जा सकेगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे, साथ ही स़ेफ्टी टंकी से निकाले गये गाद से पर्यावरण स्वच्छ रहेगा और शहर के वातावरण व पर्यावरण में स्वच्छता को नया आयाम मिलेगा।
इनका कहना है…!
जिलवानी की जमीन पर वैज्ञानिक तरीके से कचरा प्रबंधन हो, इसके लिए आज यहां का निरीक्षण किया है। बड़ा प्रोजेक्ट है, जिस पर काम की गति बढ़ाने के लिए हम यहां आए हैं। सब इंजीनियर को प्रोजेक्ट तैयार करके उस पर तेजी से काम करने के निर्देश दिये हैं।
सीपी राय, सीएमओ