इटारसी। दो नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कृत्य करने वाले बच्चियों के ही नाना को कोर्ट ने दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। मामले का खुलासा तब हुआ जब 14 जून 2017 को ये बच्चियां अपनी छोटी बहन के साथ घर छोड़कर लापता हो गयी थीं। बाद में वे भोपाल रेलवे स्टेशन पर मिली थीं। इनका नाना इनको मार डालने की धमकी देकर लैंगिक शोषण किया करता था।
अतिरिक्त जिला अभियोजना अधिकारी एचएस यादव ने बताया कि पीडि़त बालिकाएं 10 वर्ष और 13 वर्ष की थीं जो अपने माता-पिता एवं नाना-नानी के साथ रहती थीं। जब माता-पिता और नानी मजदूरी पर चले जाते थे तो सगा नाना जयराम उनका लैंगिक शोषण करता था। एक पीडि़त ने बताया था कि नाना ने उसके साथ सूखी सेवनिया में तथा इटारसी स्थित घर में भी गंदा काम किया। नाना धमकी देता था कि किसी को बताया तो वह उन्हें मार डालेगा।
घर से भागी थीं बच्चियां
अपने ही सगे नाना की इन हरकतों से तंग आकर 14 जून 17 को पीडि़त दोनों बालिकाओं ने अपनी छोटी बहन के साथ घर छोड़ दिया था। तीनों बहने इटारसी रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर भोपाल चली गई थीं जहां लावारिश हालत में रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम को मिलीं। काउंसिलिंग में दो पीडि़त बालिकाओं ने अपने नाना द्वारा लैंगिक शोषण की बात बतायी तो टीम ने बाल कल्याण समिति भोपाल को प्रतिवेदन भेजा। सीडब्ल्यूसी ने तीनों का चिकित्सकीय परीक्षण जेपी अस्पताल भोपाल में कराया। समिति ने महिला थाना जहांगीराबाद में एक लिखित आवेदन कार्यवाही करने के लिए दिया था। इसके आधार पर महिला थाना भोपाल में रिपोर्ट दर्ज की गई। घटना स्थल इटारसी होने से पुलिस ने मामले की जांच करके जयराम के विरुद्ध प्रकरण कोर्ट में पेश किया था।
श्री यादव ने कोर्ट के समक्ष साक्षियों के कथन कराए और अंतिम तर्क करते हुए शासन का पक्ष रखा। न्यायालय ने अभियोजना अधिकारी द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी जयराम को दोनों नाबालिग नातिनों के साथ किये गये अपराधा के लिए धारा 376 (2)(एफ)(आई)(एन) भारतीय दंड विधान एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट के अंतर्गत दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच सौ रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। आरोपी द्वारा जान से मारने की धमकी देने पर धारा 506 के अंतर्गत दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो सौ रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन के निवेदन पर पीडि़ताओं को न्यायालय द्वारा प्रतिकर देने का आदेश भी दिया है।