इटारसी। नाला मोहल्ला में नयायार्ड रोड किनारे रहने वालों ने आज दोपहर में जलसेवा के उद्देश्य से जोखिम भरा कदम उठा लिया। दरअसल, यहां रहने वालों ने श्रमिक एक्सप्रेस के यात्रियों को पानी पिलाना शुरु कर दिया था। यहां किसी कारण से ट्रेन रुकने पर ये बड़ी संख्या में बर्तन लेकर ट्रेन पर पहुंचे और बोतलों और अन्य बर्तनों से पानी पिलाने लगे। सूचना मिलने के बाद आरपीएफ थाना प्रभारी ने जाकर वहां के लोगों को समझाईश दी कि शासन की तरफ से रेलवे स्टेशन पर खाना और पानी की व्यवस्थाएं हैं, आप लोग यह कार्य न करें जिससे जोखिम बढ़ जाये।
दरअसल, रोड किनारे रहने वालों का उद्देश्य पवित्र था। वे ट्रेन में अपने घरों को लौट रहे मजदूरों को पानी पिलाना चाह रहे थे। कभी अवैध वेंडरिंग के लिए कुख्यात रहे इस क्षेत्र में जब बड़ी संख्या में लोगों को ट्रेन यात्रियों को बोतल देते और पानी पिलाते राहगीरों ने देखा तो सोशल मीडिया पर यह सब पोस्ट कर दिया। हालांकि पता चला कि ये जल सेवा पूर्णत: नि:शुल्क थी, लेकिन, कोरोना संकट के समय यह न सिर्फ यात्रियों के लिए बल्कि जल सेवा करने वालों के लिए भी यह जोखिम भरा कार्य था। ये सभी मजदूरी महाराष्ट्र से आ रहे थे, जहां कोरोना का कहर काफी ज्यादा है। बिना स्वास्थ्य जांच के तो प्रशासन भी इनको बसों से इनके घर सीधे नहीं भेज रहा है। ऐसे में पानी पिलाते वक्त कोई अनहोनी हो जाए तो कोरोना के संकट से धीरे-धीरे उबर रहे शहर के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है।
जैसे ही सोशल मीडिया पर आमजन और मीडिया की तरफ से फोटो और वीडियो पोस्ट हुए, रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति भोपाल मंडल के सदस्य राजा तिवारी को जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल आरपीएफ थाना प्रभारी को इससे अवगत कराया। स्वयं थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और यहां रहने वालों को ऐसा न करने की समझाईश दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने रेलवे स्टेशन पर सारी व्यवस्था की है, वहां स्वास्थ्य परीक्षण, भोजन और पानी इन मजदूरों को दिया जा रहा है, आप लोग यह जोखिम न उठाएं। इसके बाद लोगों ने अपने घरों के सामने ड्रमों और अन्य बर्तनों में भरकर रखा पानी खाली किया और आगे से ऐसा न करने का भरोसा दिलाया।
क्यों रुकती हैं आउटर पर ट्रेन
यात्री ट्रेनें बंद हैं, केवल श्रमिक एक्सप्रेस चल रही हैं। इतना ट्रैफिक नहीं, प्लेटफार्म खाली हैं, फिर आखिर क्यों आउटर पर ट्रेनों को रोका जा रहा है? सवाल का जवाब स्टेशन प्रबंधक राजीव चौहान ने दिया कि ट्रेन को प्लेटफार्म क्रमांक एक पर लेना पड़ रहा है, क्योंकि खाना-पानी चढ़ाना यहां से ही होता है, अन्य प्लेटफार्म से मुश्किल होता है। जब इस पर ट्रेन रहेगी तो हमें पीछे आ रही ट्रेन को आउटर पर रोकना मजबूरी है। जब यह प्लेटफार्म खाली होगा और सारी व्यवस्थाएं हो जाएंगी तो फिर दूसरी ट्रेन को लेना होता है। यही कारण है कि कुछ देर वहां रोकना होता है। आउटर पर पानी पिलाने वाली बात पर उन्होंने कहा कि आरपीएफ ने जाकर वहां समझाईश दी है।