इटारसी। जनपद पंचायत केसला के ग्राम चकपुरा (सिलवानी) में चल रही नवदिवसीय संगीतमय श्री राम कथा में सातवे दिन कथा वाचक सुश्री ऋतेश्वरी देवी दक्षिण तट आंवलीघाट होशंगाबाद के मुखारबिंद से सिया जी की विदाई का प्रसंग, वनवास प्रसंग, की कथा सुनाई। सुश्री ऋतेश्वरी देवी जी ने कहा की जब पुत्र का जन्म होता है तो बड़े भाग्य से होता है। लेकिन अगर पुत्री होती है तो बड़े सौभाग्य से होती है। सीता जी को मां ने सिखाया की ससुराल में अपने सास-ससुर की सेवा करना। ससुराल के सुख में ही अपने को सुखी मानना और यही सब बातें आज सनातन धर्म में हिंदू परिवारों में सभी मां अपनी बेटियों को यह सीख जरूर देती है और जो नहीं देती है उन्हें भी मेरा यही कहना है कि वे भी अपनी बेटियों को ऐसी सीख जरूर दें।
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पुत्र भाग्य से, पुत्री का जन्म सौभाग्य से होता : ऋतेश्वरी देवी
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