पूर्व प्रबंधन ने लूट लिया सहकारी बैंक को

अध्यक्ष भरत सिंह राजपूत ने लगाए पीसी में आरोप
माली हालत सुधारने उपाए करने की जानकारी भी दी
इटारसी। जिला सहकारी बैंक के पिछले प्रबंधन ने बैंक की माली हालत बदतर करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी, ऐसा करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपए बांट दिया और उसे वसूला भी नहीं। बिना कागजात जमा कराए, मोटर सायकिल बांट दीं। बैंक के कुछ पदाधिकारियों की मोटर सायकिल की एजेंसियां थीं उन्होंने अपने लाभ के लिए बैंक से बाइक के लोन बांट दिए। ऐसे करीब 11 करोड़ रुपए बैंक को लेना है। इस दौरान करीब 22 हजार बाइक फाइनेंस की हैं। जो साढ़े चार सौ करोड़ रुपए बंटा है, उसमें मूलधन ही वापस आ जाए, हम यह प्रयास कर रहे हैं और उसमें काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं। बैंक का करीब पचास करोड़ रुपए अकृषि ऋण में फंसा है, इसमें करीब साढ़े 12 करोड़ डूबा मान रहे थे, हमने वापस लिए हैं। हमने ऋण लेने वालों के नाम होर्डिंग में लिखकर लगाए हैं, तो पैसा भी वापस आ रहा है।
यह बात जिला सहकारी बैंक होशंगाबाद के अध्यक्ष भरत सिंह राजपूत ने यहां पहली लाइन में युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष कुलदीप रावत के कार्यालय में मीडिया से रूबरू होकर कही। उन्होंने कहा कि हम हर प्रकार के उपाए कर रहे हैं ताकि बैंक का पैसा वापस लेकर माली हालत में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि जो बैंक कर्मी वसूली में लापरवाही करते थे, उनको भी लगा दिया है। उनकी लापरवाही से पैसा फंसा है, क्योंकि वे वसूली करने नहीं जाते थे। हमारा 15 फरवरी तक 25 करोड़ की वसूली का लक्ष्य है। हम मान रहे हैं कि 50 में से 40 करोड़ रुपए तो वसूली के योग्य है। हमने अकृषि ऋण के समाधान की योजना बनायी है।
श्री राजपूत ने कहा कि निचले प्रबंधन की गड़बड़ी से सब गोलमाल हुआ है। हम सोसायटियों को बहुद्देश्यीय बनाकर उनको घाटे से उबारने की योजना बना रहे हैं, नौजवानों को ऋण दिलाकर रोजगार मुहैया कराएंगे। भरत राजपूत ने कहा कि सहकारिता मतलब गड़बड़ घोटाला की छबि से बैंक को बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक गड़बड़ी हरदा से हुई है, वहां के पूंजीपतियों के इशारे पर लोन बांटकर व्यापारियों को फायदा पहुंचाया है। सन 2014 से अब तक घोटाला करने वाले 69 लोगों पर एफआईआर हुई है और कुछ को सजा भी मिली है। ऐसे 90 फीसदी मामले हरदा जिले के हैं।

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!