इटारसी। मप्र शासन के प्रभारी सचिव शिक्षा मो. सुलेमान ने आज जिले के शैक्षणिक संस्थानों का दौरा कर वहां की शैक्षणिक व्यवस्थाओं को देखा और जाना। कई जगह उन्होंने बच्चों को अच्छे नागरिक बनने की सीख भी दी।
सुबह उन्होंने सबसे पहले ज्ञानोदय संभागीय विद्यालय का निरीक्षण किया। यहां सभी प्रयोगशालाओं को देखा। भौतिक, रसायन आदि प्रयोग शालाओं में बच्चों से प्रयोग भी कराके देखे। इसके बाद उन्होंने ग्राम व्यावरा में आंगनवाड़ी में भी जाकर व्यवस्थाएं देखीं। दोपहर में वे काबड़ मोहल्ला पुरानी इटारसी में शासकीय नवीन प्राथमिक शाला देखने गये। इस स्कूल को तहसीलदार तृप्टि पटेरिया ने गोद लिया है। उनके साथ कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, एसपी एमएल छारी, आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त चंद्रकांता सिंह भी उनके साथ रहे। यहां से मो. सुलेमान केसला पहुंचे जहां उन्होंने शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय में जाकर वहां का निरीक्षण किया।
लैब से प्रभावित हुए प्रभारी सचिव
प्रभारी सचिव मो. सुलेमान उत्कृष्ट विद्यालय की लैब से खासे प्रभावित हुए हैं। यहां कार्यरत विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर ने उनको खगोल विज्ञान के कई प्रयोग बताए। भिन्न-भिन्न ग्रहों पर क्या वजन हो सकता है, इसे स्वयं मो. सुलेमान ने मापा। उन्होंने स्कूल की कम्पोजिट लैब, कामर्स लैब भी देखी। प्रभारी सचिव ने यहां की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए पूरे स्टाफ की प्रशंसा की। प्रभारी सचिव स्कूल के बच्चों से भी मिले और उनसे कई सवाल करके शिक्षा का स्तर भी उन्होंने देखा और संतोष जताया। स्कूल के प्राचार्य एसके सक्सेना ने उनको स्कूल में अध्ययन-अध्यापन की समस्त जानकारी दी।
बच्चों को दी जीवन की सीख
प्रभारी सचिव मोहम्मद सुलेमान ने शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में बच्चों को संबोधित करते हुए जीवन में सफल होने के लिए सीख भी दी। उन्होंने कहा कि मुझे यह अंदाजा नहीं था कि यहां इतनी अच्छी व्यवस्थाएं और उच्च स्तर की प्रयोगशालाएं मिलेंगी। मैं उम्मीद करता हूं कि इन प्रयोग शालाओं में बच्चे प्रयोग करके काफी कुछ सीख रहे होंगे। स्कूल में 407 बच्चों को आशीर्वाद देकर उन्होंने कहा कि वे खुद से सवाल करें कि आखिर जीवन में क्यों आए हैं। जहां रहते हैं, वहां से स्कूल में उनके परिजनों ने क्यों भेजा है। यदि खुद से सवाल करेंगे तो जवाब भी खुद से ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसी चीज है जो आपको जीवन में बहुत आगे ले जाती है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं अपने दोनों बच्चों को यही सीख देते हैं और उनके बच्चे सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में खेलकूद और अन्य गतिविधि भी जरूरी हैं, लेकिन शिक्षा सर्वोपरि है। हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि हम जीवन में क्यों आए हैं, जो जवाब मिलेगा, वही आपको सफलता की ओर ले जाएगा।