बहिष्कार से घबराए प्रशासन ने दी ग्रामीणों को जाकर समझाइश

Post by: Manju Thakur

इटारसी। केसला ब्लाक के ग्राम पुरानी बंदी, कलारी पट गांव के ग्रामीणों को मतदान अवश्य करने की समझाईश देने प्रशासन के अधिकारी पहुंचे थे। संकुल प्राचार्य चौहान, बीईओ आशा मौर्य के साथ अन्य अधिकारियों ने इन गांव के ग्रामीणों को मतदान करने की समझाईश देते हुए उनकी समस्याएं सुनीं और संबंधित विभाग के अधिकारियों से उनके निराकरण कराने का आश्वासन भी दिया। बता दें कि देर रात तहसीलदार रितु भार्गव, सीईओ जनपद दिलीप कुमार भी सिवनी मालवा विधानसभा की भरगदा पंचायत के टोले कलारीपट, पुरानी बंदी और कोटमीमाल पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि यहां के ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं, और मतदान केन्द्र गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर बनाने के विरोध में मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया है। ग्राम के लोगों द्वारा रोड़ नही तो वोट नहीं, पोलिंग बूथ नहीं तो वोट नहीं, ग्राम घोषित नहीं तो वोट नहीं, जैसे मुद्दों को लेकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रूफ रेंज से विस्थापित इनके गांव को 45 वर्ष हो चुके हंै जो खकरापुरा से अंदर है और उनके गांव तक सड़क नहीं है। हर वर्ष ये आठ किलोमीटर पैदल या फिर अपने साधनों से मतदान करने पहुंचते रहे हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यहां पहली से पांचवी तक स्कूल है, उसके बाद बच्चों को पढऩे के लिए गांव से बाहर 3 किलोमीटर जाना पड़ता है। बरसात में कीचड़ होने और नदी-नाले उफान पर होने के कारण अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है और कई बच्चे बरसात के दिनों में सड़क नहीं होने के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि इनके टोले गांव घोषित नहीं होने से यहां विकास नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि चुनाव के समय नेता आते हैं और विकास के बड़े-बड़े वादे करके दिलासा देकर जाते हैं, चुनाव का परिणाम आने के बाद कोई नेता गांव में नहीं झांकता है।
प्रशासन ने दिया है ये आश्वासन
मतदान संपन्न होने के बाद नेशनल हाईवे 69 से इन टोलों को जोडऩे सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा
लोकसभा या पंचायत चुनाव तक कलारीपट के स्कूल में ही मतदान केन्द्र बनाना निश्चित किया जाएगा
इन टोलों को गांव का दर्जा दिलाकर इनको राजस्व गांव बनाने प्रक्रिया शुरु करेंगे ताकि विकास हो सके।

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