इटारसी। भारतीय जनता पार्टी ने कृषि उपज मंडी के सामने किसानों की समस्याओं को लेकर आज धरना करने की घोषणा की थी। लेकिन, तय वक्त पर जब अपेक्षित कार्यकर्ता नहीं पहुंचे तो दो दर्जन से भी अधिक भाजपायी नारेबाजी और कुछ भाषणबाजी करके वापस आ गये। पुलिस और प्रशासन को ज्यादा भीड़ की उम्मीद थी, इसलिए दो दर्जन से अधिक तो पुलिस कर्मी थे और स्वयं तहसीलदार तृप्टि पटेरिया अपने आरआई, पटवारियों के साथ मौके पर दोपहर 12 बजे ही पहुंच गयी थीं।
भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को किसानों की समस्याओं को लेकर एक धरना आंदोलन की घोषणा शुक्रवार को की थी। टाइम दिया था दोपहर 12 बजे का। तय वक्त पर केवल चार भाजपायी थे। प्रशासन, पुलिस और मीडिया की संख्या कहीं अधिक थी। घड़ी के कांटे बढऩे के साथ मौजूद चार लोगों की चिंता बढ़ रही थी और दोपहर 1 बजे तक जब उम्मीद के मुताबिक भाजपा कार्यकर्ता नहीं पहुंचे तो उस वक्त तक पहुंचे केवल 21 कार्यकर्ताओं ने घोषित धरना आंदोलन के स्थान पर केवल नारेबाजी और भाषणबाजी करके औपचारिकता निभा ली।
इस अवसर पर नगर महामंत्री मुकेश चंद्र मैना, पूर्व नपाध्यक्ष पंकज चौरे, नगर मंत्री पार्थ राजपूत, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष जोगिन्दर सिंह, युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष राहुल चौरे आदि ने संबोधित किया। भाजपायियों ने किसान विरोधी नीति के लिए कमलनाथ सरकार के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शन में जिला उपाध्यक्ष संदेश पुरोहित, संतोष राजवंशी, देवेंद्र पटेल, रंजीत चावला, संजय खंडेलवाल, मीडिया प्रभारी शैलेंद्र दुबे, पूरन मेषकर, गोविंद बांगड़, आशीष मालवीय, गौरीशंकर चौरे, ब्रजेश यादव, प्रशांत दीक्षित, नरेन्द्र सलूजा,मयंक मेहतो, अनिल गेलानी, वीरेंद्र मथुरिया, प्रशांत मनवारे, रोहित अहिरवार, अनेक कुरेरिया, सुनील गौर, रोहित रैकवार, प्रदीप सेठी, महिला मोर्चा से राधा मैना एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बोनस तो छोड़ो उचित दाम भी नहीं : डॉ. शर्मा
विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने आंदोलन में संबोधित करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार चुनावी वायदों को भूल चुकी है। प्रदेश का किसान यूरिया के लिए परेशान है। किसान को गन्ने का बोनस तो छोड़ा उचित दाम भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि नरसिंहपुर गये थे। पता चला पिछले वर्ष गन्ने के भाव 310 रुपए क्विंटल, इस वर्ष 265-275 रुपए। ऐसा कभी नहीं हुआ था कि पिछले वर्ष से इस वर्ष कम दाम मिले। पिछले वर्ष हमने 2000 में गेहूं बेचा, इस साल 1840 रुपए बेचा जा रहा है। किसान उपेक्षित है, ऋण राशि जमा नहीं हो रही। यूरिया नगद पैसे से खरीद रहा है, वह भी नहीं मिल रही है। इन सब बातों को लेकर हमारी पार्टी ने धरना दिया है। सांसद प्रतिनिधि दीपक अग्रवाल ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने किसानों को बोनस की राशि नहीं दी, अब प्राकृतिक प्रकोप से ओलावृष्टि हुई, सर्वे नहीं किया जा रहा है, अब पुन: ओलावृष्टि होने लगी। हमारे पंद्रह वर्ष के कार्यकाल में कभी यूरिया की कमी नहीं रही। इनके राज में अधिकारी सुविधाभोगी हो गये हंै। यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि जिस किसान से इकॉनोमी चलती है, वह परेशान है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विश्वनाथ सिंघल ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान विरोधी है, किसान के साथ छल किया जा रहा है। हमारा आंदोलन इसी के लिए है ताकि सरकार को सुध आये और किसानों के लिए कुछ करे।