इटारसी। राज्य शासन जहां महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं बना रहा है, उनको सशक्त करने के लिए स्वसहायता समूहों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार की ही पुलिस महिलाओं के साथ जबरदस्ती करके रोजगार से लगी महिलाओं का सामान मकान से बाहर निकाल कर फैंक रही है, जहां वे अपनी रोजी-रोटी चला रही हैं। मामला तवानगर का है, जहां उजाला स्वसहायता समूह की महिलाओं की अगरबत्ती बनाने की मशीन और कच्चा माल हाल ही में तवानगर पदस्थ हुए थाना प्रभारी रावेन्द्र सिंह चौहान ने बाजार में स्थित एक मकान से बाहर निकाल कर फैंक दिया।
महिलाओं का कहना है कि उनको बिना सूचना दिए, ताला तोड़कर सामान बाहर कर दिया है, उनको सूचना तो देनी चाहिए थी। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि यहां थाना प्रभारी के लिए कोई आवास नहीं है, जिस मकान में थाना प्रभारी के रहने के लिए व्यवस्था की जा रही थी, उसमें महिलाओं ने तीन दिन पूर्व ही ताला तोड़कर सामान रख लिया था। हमने वही सामान निकाला है। महिलाएं इस पर कब्जा करने की कोशिश कर रही थीं। मामले में सिंचाई विभाग के एसडीओ का भी कहना है कि पुलिस को मकान आवंटित नहीं किया है, वे बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं, अत: आज के घटनाक्रम की कोई जानकारी उनको नहीं है।
सूचना भी नहीं दी गई
आज दोपहर करीब 12:30 से दो बजे के बीच तवानगर में संचालित उजाला स्व सहायता समूह की महिलाओं को सूचना मिली कि जिस मकान में उनकी अगरबत्ती बनाने की मशीनें और रॉ मटीरियल रखा है, उसे पुलिस बाहर निकाल रही है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती कांति पंडोले का कहना है कि पुलिस ने हमें सूचना देना भी उचित नहीं समझा और हमारा लगाया ताला तोड़कर सामान बाहर कर दिया है। अब हम महिलाएं कहां जाएं, जबकि जिस मकान में पहले काम कर रहे थे, वह भी हमने खाली कर दिया था। हमारा कच्चा माल खराब होगा और नुकसान होगा, इसका जिम्मेदार कौन होगा? पुलिस ने जबरिया हमारा सामान बाहर निकाल दिया है।
महिलाओं ने किया था कब्जा
इधर तवानगर में हाल ही में पदस्थ हुए थानेदार रावेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि तवानगर में थाना प्रभारी के लिए कोई आवास नहीं है। हम पिछले बीस दिन से इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। जिस मकान की बात हो रही है, वह एचईजी के आधिपत्य में है। हमने उनके अधिकारियों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत करके मौखिक रूप से हमारे लिए अनुमति ले ली थी। हम उस मकान में अपना सामान रख पाते, इससे पहले महिलाओं ने ताला तोड़कर पहले ही उस मकान में अपना कब्जा जमा लिया था। हमें जब इसकी जानकारी मिली तो हमने उनका सामान बाहर कर दिया है। ऐसे कैसे वे मकान पर जबरदस्ती कब्जा कर सकती हैं?
क्या है मामला
तवानगर में जल संसाधन विभाग ने तवा परियोजना के वक्त अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कालोनी का निर्माण किया था। परियोजना तो खत्म हो गई और अब कालोनी के अनेक मकानों पर विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों, रिटायर्ड कर्मचारियों और अन्य लोग रह रहे हैं। इसमें कई में लोग अनुमति लेकर रह रहे हैं तो अनेक बिना अनुमति भी रह रहे हैं। यहां मकान पर कब्जे को लेकर विभाग नोटिस भी दे चुका है और तवानगर के लोग वर्षों से लड़ाई भी लड़ रहे हैं। ताजा मामला स्वसहायता समूह की महिलाओं और पुलिस विभाग के बीच सामने आया है। मकान सिंचाई विभाग का है, जिसे एचईजी ने अपने लिए आवंटित कराया था। बताते हैं कि एचईजी ने उस पर से अपना आधिपत्य छोड़ दिया है। यह सूचना मिलने के बाद महिलाओं ने अपना रोजगार चलाने के लिए उसमें अपना सामान रख दिया। महिलाओं का कहना है कि बहुत दिन पूर्व उन्होंने इस मकान को आवंटित करने विभाग को आवेदन भी दिया हुआ है। मकान अभी न तो पुलिस अधिकारी के नाम आवंटित है, और ना ही समूह के नाम। कब्जे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं।
इनका कहना है…!
पुलिस ने आज हमें बिना बताए ताला तोड़कर समूह का सामान बाहर निकाल दिया। हमारे अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल खराब हो जाएगा और मशीनों में भी खराबी आ सकती है। हम महिलाओं पर पुलिस जबरिया दबाव बना रही है। हम कल कलेक्टर और एसपी से मिलकर सारी स्थिति से अवगत कराएंगे।
कांति पंडोले, अध्यक्ष उजाला समूह
यहां थाना प्रभारी का कोई आवास नहीं है, हमने बीस दिन से प्रयास करके मौखिक अनुमति ली है, आवास में जाने के पूर्व ही महिलाओं ने ताला तोड़कर उसमें अपना सामान रखकर कब्जा कर लिया। हमने आज सामान बाहर किया है। उनका पहले से इस पर कोई आधिपत्य नहीं था, ऐसे कैसे वे सरकारी आवास पर कब्जा कर सकती हैं।
रावेन्द्र सिंह चौहान, थाना प्रभारी तवानगर
मैं पिछले दो दिन से अस्पताल में भर्ती हूं। जहां तक मेरी जानकारी है, मकान किसी को भी आवंटित नहीं किया है। पुलिस ने महिलाओं का सामान बाहर किया, मेरे पास ऐसी भी कोई जानकारी नहीं है। हां, पुलिस को हमने कोई मकान अलाट नहीं किया है।
एसएस रैकवार, एसडीओ सिंचाई विभाग