महान कृषि वैज्ञानिक और जैविक विशेषज्ञ नहीं रहे

इटारसी। जैविक कृषि के विशेषज्ञ और मप्र में ऑर्गेनिक कृषि के सलाहकार दीपक सचदे का आज शाम हरदा से भोपाल जाते वक्त ट्रेन में हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। उनके निधन की खबर लगते ही जैविक कृषि जगत में शोक की लहर दौड़ गयी। वे वर्तमान में किसानों को उनके नेमावर स्थित बजवाड़ा में कृषि फार्म में जैविक कृषि के लिए वर्कशाप में महत्वपूर्ण जानकारी और प्रशिक्षण देते थे। वे पत्रकारिता से भी जुड़े रहे थे।
उनको जैविक जगत में अमृत मिट्टी और अमृत पानी का जनक माना जाता है। उनका धरती माता को बचाने का जो प्रयास है वो अवस्मर्णीय है। उनके निधन से जैविक किसानों का कहना है कि हमने एक महान पुरुष खोया है। उनकी कमी कभी पूरी नही की जा सकती। दीपक सचदे को स्कॉच ग्रास रूट पर्सन ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला है।
बता दें कि आज शाम गोवा एक्सप्रेस में हरदा से भोपाल तक सफर के दौरान इटारसी के पास हृदयाघात से उनकी मौत हो गयी। उनकी आइडी व टिकट के आधार पर उनकी पहचान हुई। यहां स्थानीय पत्रकार बसंत चौहान, मनीष ठाकुर और अन्य लोगों ने सारी कागजी कार्यवाही कराने के बाद उनकी पार्थिव देह को नेमावर पहुंचाने की कार्यवाही की है।

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