इटारसी। हर बालक को अपने माता-पिता एवं गुरुजनों और बड़ों का सम्मान करना चाहिए। आदमी साधनों से नहीं बल्कि साधना से महान बनता है। भवनों से नहीं भावना से महान बनता है। व्यक्ति उच्चारण से नहीं उच्च आचरण से महान बनता है।
यह बात यहां वृंदावन गार्डन में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में कथावाचक पं.नरेन्द्र नागर ने कही। उन्होंने कहा कि जो ऐसा करता है उसके जीवन में कभी अंधेरा नहीं आता। श्री नागर ने सभी के माता-पिता को प्रणाम करते हुए गुरुजनों को प्रणाम करते हुए ऋषि मुनियों की पावन पृथ्वी को प्रणाम करने का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि समुद्र में एक बार डुबकी लगाने से रत्न न मिले तो समुद्र को रत्न विहीन ना समझें। दृष्टि बदलें, सृष्टि अपने आप बदल जाएगी। भट्ट परिवार इटारसी द्वारा वृन्दावन गार्डन न्यास कालोनी में शनिवार से जारी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में आज तीसरे दिन पंडित नरेन्द्र नागर ने वामन अवतार कथा प्रसंग और सत्संग की महिमा को प्रस्तुत करते हुए जनमानस से अपील की कि इससे जीव और जीवन दोनों ही सफल हो जाते हैं। इस दौरान भट्ट परिवार की ओर से कथावाचक का पुष्पहारों से स्वागत किया। तीसरे दिन श्री नागर के मुख से प्रभु की कथा को श्रवण करने सैकड़ों भक्तों ने शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। मंगलवार को यहां श्रीकृष्ण जन्म लीला की कथा सुनायी जाएगी और श्रीकृष्ण जन्म की झांकी सजेगी।
माता-पिता, गुरुओं और बड़ों का सम्मान करें : पं. नागर
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