इटारसी। रेलवे स्टेशन पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गयी है। स्थानीय प्रबंधन की अनदेखी के चलते यहां सफाई कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। प्लेटफार्म और रेलवे ट्रैक के अलावा सबसे अधिक गंदगी रेलवे के मुसाफिरखाने में देखने को मिल रही है, जहां जगह-जगह कचरा फैला रहता है और डस्टबिन लबालब भरे पड़े रहते हैं जिनको खाली नहीं किया जाता है।
रेलवे स्टेशन का मुसाफिरखाना, जहां प्रतिदिन सैंकड़ों यात्री रुककर ट्रेनों का इंतजार करते हैं, उसकी सफाई के प्रति स्थानीय प्रबंधन लापरवाह लगता है। शुक्रवार को दोपहर में ही यहां का नजारा काफी गंदगीभरा था। मुसाफिरखाने में जगह-जगह गुटखा पाउच के रैपर, चिप्स के खाली पैकेट, बीड़ी-सिगरेट के टुकड़े सहित अनेक जगह कचरा फैला था जो इस बात को उजागर कर रहा था कि यहां की सफाई नहीं होती है। इसके अलावा यहां दो स्थानों पर लगे डस्टबिन कचरे से लबालब भरे थे जो यह बता रहे थे कि इनको खाली ही नहीं किया गया है। हालात यह थे कि यहां जो मुसाफिर रुके हुए थे वे कचरे के बीच ही बैठे थे। मुसाफिरखाने में कोई न तो सफाई कर्मचारी मौजूद था और ना ही कोई जीआरपी का कर्मचारी। कोई रेलकर्मी भी नहीं था जो यात्रियों को गंदगी करने से रोकता हो। कुल जमा हालात यह थे कि यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं, जो उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है और रेलवे ने इसे पूरी गंभीरता से लिया था। इटारसी रेलवे स्टेशन के यात्री प्रतीक्षालय को देखकर लगा नहीं कि यहां का प्रबंधन प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के प्रति गंभीर हो।