लॉकडाउन : अपने अंदर के कलाकार को बाहर लाने का सुनहरा अवसर

लॉकडाउन : अपने अंदर के कलाकार को बाहर लाने का सुनहरा अवसर

भोपाल। कोरोना वायरस ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है, आमजन जनजीवन पूरी तरह से घरों में कैद होकर रह गया है। लॉक डाउन में बड़ी आबादी खुद को कैदी महसूस कर रही है तो कुछ लोग हैं, जिन्होंने लॉक डाउन को अपने भीतर के कलाकार को बाहर लाने का सुनहरा अवसर बनाकर अपनी प्रतिभा को निखारने का माध्यम बना लिया है।
ऐसी ही एक युवा कलाकार हैं आशी चौहान। भोपाल निवासी आशी चौहान आमदिनों में विज्ञान जागरुकता के अलावा, मतदाता जागरुकता और अन्य विषयों पर जागरुकता कार्यक्रम चलाती हैं। लेकिन, इस लॉक डाउन में उन्होंने अपने भीतर के कलाकारों को बाहर लाकर अपने पुराने शौक को उभारने का काम किया है।

art craft 1

लॉकडाउन से पहले उनकी दिनचर्या काफी व्यस्तता भरी थी। ज्यादातर समय स्कूल और कालेज के बच्चों के बीच बिताती थीं। खुद की कला को निखारने का समय नहीं होता था। लेकिन अब वे इसके लिए समय निकाल पा रही हैं। वे कहती हैं कि लॉकडाउन अपने भीतर के कलाकार को जागृत करने का सुनहरा अवसर है। हम खुद को समय देकर कला को निखार सकते हैं।
आशी बताती हैं कि उन्होंने लॉक डाउन का पूर्ण सदुपयोग किया है और अपनी बचपन की प्रतिभा को निखारने में समय दिया है। उन्होंने पुराने न्यूज पेपर और गत्ते की मदद से काफी सुंदर चीजें बनायी हैं, जिनको देखने के साथ ही आप उन पर नाज कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य सामग्री से भी कई सारी कलाकारी की है। सुंदर मोर देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। दीवार पर फोटो फ्रेम और अन्य पेन, पेंसिल रखने का बाक्स, कागज और गत्ते से श्रीकृष्ण का चित्र जैसी अनेक चीजें हैं जो देखते ही बनती हैं। कल की विज्ञान परिचारिका आज की बेहतरीन कलाकार हो गयी है।

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!