होशंगाबाद (मदन शर्मा)। भीषण गर्मी का दौर शुरू है ऐसे में इसकी चपेट में हर वर्ग आ रहा है लेकिन सबसे ज्यादा बच्चे ग्रषित है निजी और सरकारी अस्पताल में छोटे बच्चे की भरमार है जो तेज बुखार और उल्टी-दस्त की बीमारी से ग्रसित है, तेज तपन और गर्मी बच्चो को हीट स्ट्रोक की चपेट में ले रही है। वैसे तो गर्मी मई माह से अपने तेवर दिखा रही है लेकिन जून में तापमान अपनी सारे हदे तोड़कर 47 को छू कर वापस आ गया है। रविवार और सोमवार को तापमान 43 डिग्री के पास रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन मंगलवार को एक फिर गर्मी बढ़ी और तापमान अपना विकराल रूप दिखाने को आतुर हुआ। अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री रिकॉर्ड किया है गर्मी बढऩे और तापमान 45 डिग्री का आंकड़ा छूने से शहर सहित जिले में हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़े है। इसके मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी और दस्त माने जाते है जिसके मरीजी की संख्या की भरमार है। हीट स्ट्रोक की चपेट में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे ही आ रहे है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
वैसे तो हीट स्ट्रोक को आम बोलचाल की भाषा मे लू लगना कहते है जिसका मुख्य लक्षण शरीर मे पानी की कमी होना रहता है। जैसे जैसे तापमान बढऩे लगता है वैसे ही मौसम में गर्माहट आ जाती है दिन के साथ ही राते भी गर्म होने लगती है मौसम में गर्माहट के साथ ही तेज गर्मी परेशान करती है। शरीर मे पानी की कमी होने से सबसे ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आते है और उन्हें तेज बुखार के साथ ही उल्टी -दस्त होने लगते है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो मरीज को डायरिया होने के चांस भी बने रहते है।
फिर पहुंचा तापमान 45 के पास
सोमवार को हवा के साथ ही मौसम में कुछ परिवर्तन आया था, आसमान से चंद पानी की बूंदे भी गिरी थी जिन्होंने राहत दी थी, मगर तेज हवा और कुछ बूंदों ने मंगलवार को तेज गर्मी के साथ ही उमस को बढ़ा दिया है। प्री मानसून की इस गतिविधि ने मंगलवार को आमजन का जीना दूभर कर दिया तापमान ने एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ कर 45 डिग्री के पास पहुंच गया। गर्मी के साथ ही बेचैन कर देने वाली उमस पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार केरल के तटों पर मानसून सक्रिय है इसका जिले में प्रवेश 25 जून के आसपास होगा तब तक कही कही तेज हवा के साथ बारिश की बूंदे गिर सकती है जिसके कारण मौसम में बदलाव संभव है।
इनका कहना है…!
हीट स्ट्रोक के बढ़ते मरीज़ो के बारे में जब शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भास्कर गुप्ता से बात की उनका कहना है कि गर्मी बहुत तेज पड़ रही जिसकी चपेट में हर वर्ग आ रहा लेकिन खासकर छोटे मासूम इस बीमारी से ज्यादा ग्रसित है। डॉ गुप्ता का कहना है कि जहा तक संभव हो बच्चो को धूप में न ले जाये अगर जाना जरूरी है तो घर से निकलने से पहले बच्चो को कुछ खिला दे साथ ही पानी के साथ पानी पिला कर ही निकले उनका पूरा शरीर सूती कपड़े से ढक दे ताकि उन्हें धूप न लगे। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करवाये, बच्चो को ज्यादा मात्रा में आइसक्रीम बर्फ का सेवन नही करने दे, ज्यादा से ज्यादा पानी मे ग्लूकोज दे इस बीमारी से पीडि़त बच्चे के शरीर मे पानी की कमी नहीं आने दे।