पंकज पटेरिया- अखबारों में आई खबरों पर भरोसा किया जाए, सब कुछ यदि ठीक ठाक रहता है तो आगामी महीनों में एमपी में नगरीय चुनाव की दुदुंभी बज सकती है। पिछले दिनों एमपी निर्वाचन आयोग कार्यालय में कमिश्नर बीपी सिंह (Commissioner BP Singh) ने त्रिस्तरीय चुनाव के संबंध ली गई बैठक से इस तरह की खबरे सुर्खिया बनी है। खबरों के मुताबिक कमिश्नर ने चुनावी तैयारियां करने के निर्देश भी अधिकारी, कर्मचारियो को दिए है। बाकी तमाम प्रबंध भी जो जरूरी होते उन्हें भी करने के निर्देश दिए गए है। साथ यह भी कहा गया है कि कोरोना सूबे नियंत्रण मे है, ओर जिस ढंग से वेक्सिनेशन चल रहा है, चुनाव कराए जा सकते है। अभी यह फाइनल फैंसला तो नही, आगे और साफ होगी तस्वीर। बहरहाल इन चिपचिपाते तपते दिनों जबकि पेड़ पौधे मुरझाने लगे थे, ये खबर बारिश की शीतल रेशमी फुहार सी छींटे देकर कुम्हलाए पेड़ पौधों के चेहरे धो पोंछ गई, ताजगी और चेतनता से चमका गई, ओर रूठी चिड़िया मुनिया फिर अपनी चूचू का गीत, संगीत, डाली-डाली फुदक-फुदक सुनाने लगी है। यू कोरोना कहर के चलते लोकल बॉडी चुनाव की चर्चा भी नही होती थी। सभी आकांक्षी चेहरे जो इस चर्चा ममधुर रस में गोते लगाते थे, इन आफत वाले दिनों में खामोशी की खोह में चले गए थे। हालातो ने अजब गजब त्रासदी लिख दी थी। ईश्वर का शत-शत आभार की हम उस महासंकट से पार पाए, बहरहाल सावधानी मे सुरक्षा का महामंत्र अभी भी हमारा सुरक्षा का कवच कुंडल है। लिहाजा इसे तो धारण करे ही रहना है। फिर भी लोकल बॉडी चुनाव की सुरसुरी से गपशप के गोल गप्पे चटकारे लेकर खाए जाने लगे है, अपने-अपने रंगीन अंदाजी गुब्बारे भी उड़ाए जाने लगे है। गालिब दिल को बहलाने को यह ख्याल अच्छा है की तर्ज पर पसीने मे लथपथ गमछे निचोड़ कर गले में आईडी कार्ड बन शांत मुद्रा में सलीके से झूलने लगे है, जो इस खबर का खुशनुमा अहसास है। इधर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि नई गाइडलाइन आते खेड़ा माई और खेडापति दरबार में माथा टेक हाजरी शुरू हो जाएगी। सबके अपने-अपने देवधाम होते है। निष्ठा, आस्था, भक्ति, भाव दिखाने के अवसर गबाना कोई नही चाहेगा, वर्ना डाल छूटे कपि की गति प्राप्त हो जाती है। हम तो सब के शुभ की प्रार्थना परमात्मा से करते है। यू यह ख्वाइश सबकी रहती कि उस गाने की तर्ज में कहे कि तेरी महफिल में किस्मत आजमा के हम भी देखेगे, घड़ी भर को तेरे नजदीक आकर हम भी देखेंगे।
वैसे खबर के मुताबिक एमपी में 407 नगरीय, निकाय है, जिनमे 347 में निर्वाचन करवाना है। इनमे 16 नगर निगम शामिल है।
अप्रत्यक्ष प्रणाली से अध्यक्ष और महापौर चुने जाएंगे। फिर पंचायती चुनाव कराए जायेंगे। नर्मदे हर।
पंकज पटेरिया (Pankaj Pateria)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्य कार
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