– बच्चों को टीके की दोनों डोज़ लगवाने में न करें लापरवाही
– टीका और मास्क को न समझें मजबूरी, यह मजबूती के लिए
– जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम के मार्गदर्शन में कार्यक्रम
इटारसी। बच्चों की परीक्षाओं का समय बीत रहा है, लेकिन कोविड (Kovid) कब फिर परीक्षा लेने लग जाये, इसका कोई सटीक आकलन नहीं किया जा सकता है। यह बात विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर (Science teacher Rajesh Parashar) ने ग्राम सोनासांवरी (Village Sonasanwari) में टीकाकरण एवं मास्क जागरुकता कार्यक्रम (Vaccination and Mask Awareness Program) में कही। यह कार्यक्रम जिला पंचायत के सीईओ मनोज सरियाम के मार्गदर्शन में किया गया।
श्री पाराशर ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन (Vaccine) के दोनों डोज़ (Dose) लग चुके हैं, उनमें तो वायरस से मुकाबला करने की क्षमता विकसित हो चुकी है लेकिन बहुत से बच्चों को सिर्फ एक डोज लगा है। कई को यह भी नहीं लगा है। शासन द्वारा नि:शुल्क वैक्सीन का लाभ लेने में भी लापरवाही आड़े आ रही है। कहावत है कि आग लगने पर कुआं खोदना उचित नहीं होता, इसलिये आने वाले समय के लिये आंतरिक इम्यूनिटी (Immunity) विकसित करने टीके की दोनों डोज़ तत्काल लगवायें।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन (Omicron) का नया वेरियेंट एक्सई (New Variant XE) सामने आया है जो कि इसके बीए.1 तथा बीए.2 का मिला जुला रूप है। गणितीय मॉडल की मदद से आगामी 50 दिनों में इसके बढऩे की चेतावनी दी गई है। इस नये वेरियेंट को शरीर में प्रवेश न देने से रोकने का सुरक्षित उपाय मास्क का प्रयोग है। भले ही मास्क न लगाने पर कोई जुर्माना नहीं है लेकिन उसे लगाने के अनेक फायदे हैं। इसलिये मास्क को मजबूरी न समझें। कार्यक्रम का संयोजन एमएस नरवरिया ने किया। कैलाश पटेल ने सहयोग किया।
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एक्सई वेरियेंट के बढ़ते फैलाव से रोकने मास्क ही बनेगा सहारा


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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