रजक समाज ने एससी में शामिल कराने बनायी रणनीति

Post by: Rohit Nage

इटारसी। नेशनल धोबी महासंघ (National Dhobi Federation) की हाई लेवल मीटिंग द्वारका पैलेस गार्डन भोपाल (Bhopal) में हुई जिसमें मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सहित महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), तमिलनाडु (Tamil Nadu), आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh), मणिपुर (Manipur), राजस्थान (Rajasthan) सहित 12 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

संगठन के संयोजक अनिल शिंदे महाराष्ट्र ने बताया कि बताया कि उन्होंने अनुसूचित जाति की लड़ाई के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र खटीक (Social Justice and Empowerment Minister Virendra Khatik) से मुलाकात की और बताया कि रजक समाज के साथ 11 राज्यों में अन्याय हो रहा है क्योंकि यहां पर रजक समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। संविधान के अनुसार गरीब पिछड़े या छुआछूत से पीडि़तों के लिए आरक्षण का प्रावधान है जो हमें मिलना चाहिए। अजय कुमार रजक ने कहा कि हमें आरक्षण संविधान के अंडर आर्टिकल 33 के कारण मिला हुआ है। इस आर्टिकल के अनुसार सामाजिक ताने-बाने का सर्वेक्षण करने के बाद प्रावधान किया गया है। सामाजिक स्तर पर पिछड़ेपन के कारण, शैक्षणिक स्थिति में पिछड़ेपन के कारण, सामाजिक तौर पर हीन भावना से देखकर छुआछूत से पीडि़त के कारण आरक्षण का प्रावधान है।

संविधान में बाबा साहब अंबेडकर (Baba Saheb Ambedkar) ने रजक धोबी समाज को छुआछूत से ग्रसित माना है। पूरे भारत में रजक समाज को आरक्षण के मामले में 28 राज्य में से 17 में अनुसूचित जाति में राज्यों में पिछड़ा वर्ग है, वहीं 8 केंद्र शासित प्रदेशों में पांच में पिछड़ा वर्ग और तीन में आरक्षण प्राप्त है। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया गृह मंत्रालय (Government of India Ministry of Home Affairs) का एक सर्कुलर है जिसके अंतर्गत सितंबर माह 1976 के सर्वेक्षण में किसी भी राज्य में इसी 1 जिले में यदि रजक समाज अनुसूचित जाति में है तो उन्हें उस राज्य में संपूर्ण रूप से एसी का दर्जा दिया जा सकता है। अक्षय कुमार रजक ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का जो स्लोगन है, सबका साथ सबका विकास, उस स्लोगन का असली हकदार रजक समाज ही है, जो सभी प्रकार से पिछड़ा हुआ है।

बैठक में बैठक संयोजक राजकुमार मालवीय इटारसी, अन्नापरापू नागबलेश्वरराव, अनिल शिंदे महाराष्ट्र, संजीव राज, के सर्वेश, पदम कुमार वर्मा, दीपक रजक, राजू दिवाकर, सी राम मूर्ति रजक आंध्र प्रदेश, लक्ष्मण मालवीय, शिवनारायण कोदिया, बृजेश मालवीय, हरीश मस्के, सचिन सहाकर, पुरुषोत्तम अडोलकर, एस गणेशन, केवलराम मालवीय, धीरज कोदिया, सोनू सिंधानिया, रमेश लश्करी, एडवोकेट माधव मालवीय, दिनेश नेरनिया, जगदीश जलोदिया, प्रागीलाल राजन मुख्य रूप से शामिल हुए।

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