- जांच समिति में लोक निर्माण विभाग के सचिव आरके मेहरा अध्यक्ष हैं
भोपाल। दिल्ली (Delhi) में नवनिर्मित ‘मध्यप्रदेश भवन’ (‘Madhya Pradesh Bhavan’) की गुणवत्ता पर सवालों के घेरे में आ गयी है। मध्यप्रदेश के आवास आयुक्त पंकज राग (Pankaj Raag) ने प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन (Government of Madhya Pradesh), लोकनिर्माण विभाग (Public Works Department) और मंत्रालय को पत्र लिखकर शहरी विकास मंत्रालय के तहत एनबीसीसी द्वारा कराए निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कई खामियां उजागर की है। उनके पत्र के बाद मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने इसकी जांच के लिए एक दल का गठन कर दिया है।
दल में आरके मेहरा (RK Mehra) सचिव लोक निर्माण विभाग एवं अध्यक्ष गुणवत्ता नियंत्रण सेल को अध्यक्ष, एसएल सूर्यपंशी, मुख्य अभियंता, पीआईयू लोक निर्माण विभाग भोपाल, राजेश दुबे अधीक्षण यंत्री (वि/यां) भोपाल, बृजेश मांझे सहायक यंत्री राजधानी संभाग क्र.1 लोक निर्माण विभाग भोपाल को सदस्य बनाया है। जांच दल अपना जांच प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेगा। आवास आयुक्त द्वारा लिखा गया पत्र आवास आयुक्त पंकज राग ने अपने पत्र में लिखा है कि नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन निर्माण परियोजना में शासन द्वारा एनबीसीसी को निर्माण एजेंसी रखा गया था। परियोजना में एनबीसीसी को भवन निर्माण का कार्य के सुपरविजन तथा पीएमसी (PMC) संबंधी सेवाओं हेतु 79 फीसद सर्विस चार्ज देना सुनिश्चित किया था।
एनबीसीसी (NBCC) के द्वारा कार्यों का उनके स्तर से सुपरविजन (Supervision) करने के पश्चात समस्त निर्माण निर्धारित स्पेशिफिकेशन (Specification) के अनुसार पाये जाने एवं समस्त फिटिंग्स (Fittings) एवं उपकरण निर्धारित ब्रांड (Brand) / गुणवत्ता के अनुसार होने का सत्यापन किया गया। तदपश्चात मप्र भवन के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा टेकओवर (Takeover) करने के पूर्व जब निरीक्षण किया गया तो प्रत्येक कमरे एवं अधिकांश उपकरणों एवं फिटिंग्स में निर्धारित स्पेशिफिकेशन के अनुसार कार्य न होना कुछ फिटिंग्स निर्धारित ब्रांड एवं गुणवत्ता के न होने तथा लूज इलेक्ट्रिकल वायरिंग (Loose Electrical Wiring), बिना इंस्टॉलेशन (Installation) के एसी डक्ट (AC Duct), बिना इंस्टॉलेशन के गर्म पानी की पाइप बेसमेंट बाथरूम (Basement Bathroom) पानी के सम्पवेल (Sumpwell) आदि में सीपेज पाया जाना परिलक्षित हुए।