बचपन से ही सर्वधर्म के प्रति समभाव सीखने बच्चे पहुंचे गुरुद्वारा

Post by: Rohit Nage

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Children reach Gurudwara to learn equality towards all religions since childhood.

इटारसी। सर्वधर्म समभाव का मतलब है, सभी धर्मों को समान सम्मान देना। सभी धर्म समान हैं और सभी धर्मों के प्रति मनुष्य के मन में सद्भावना होनी चाहिए। सर्वधर्म समभाव आज की सबसे बड़ी जरूरत है, इसी तथ्य को कोमल मनों को समझाने के उद्देश्य से बचपन ए प्ले स्कूल इटारसी में नन्हें मुन्नों को धार्मिक स्थलों के दर्शन कराए गए।

आज बचपन-ए-प्ले स्कूल के बच्चे अपनी टीचर्स के साथ गुरुद्वार श्री गुरुसिंघ सभा पहुंचे। संचालक दीपक दुगाया ने जानकारी दी कि बचपन से बच्चों के मन में सभी धर्मों के प्रति आदर एवं आपस में भाईचारा की भावना विकसित करने के उद्देश्य से यह विजिट करवाई जाती है। स्कूल हेड मंजू ठाकुर ने इस विजिट के विषय में बताया कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना, इसी बात को ध्यान में रखते हुए बच्चों को सिख धर्म को समझाने के लिए गुरूद्वारा श्री गुरू सिंघ सभा इटारसी ले जाकर वहां गुरू ग्रंथ साहिब के दर्शन कराए। गुरुद्वारा में एलकेजी और नर्सरी क्लास से रेहत कौर, जपलीन कौर छाबड़ा, जसराज छाबड़ा, अश्नित गिल ने शबद भी गाई।

गुरूद्वारा में ज्ञानी जी ने बच्चों को सिख धर्म और गुरू साहिब के बलिदान के विषय में जानकारी देकर उनसे प्रेरणा लेने की बात की गई। सभी ने गुरुघर में प्रवेश से पहले सिर को कपड़े से ढंका और फिर प्रवेश किया। बच्चों सहित स्टाफ ने गुरुग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका। गुरुद्वारा में बच्चों को हलवा का प्रसाद और चाकलेट्स वितरित की गई। इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा के प्रधान जसबीर सिंह छाबड़ा, राजेन्द्र सिंह दुआ, सतवीर सिंघ बॉबी छाबड़ा और ज्ञानी जी सहित स्कूल स्टाफ मौजूद रहा।

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