बांग्लादेश की हॉकी टीम आ सकती है इटारसी

कोलकाता के हावड़ा यूनियन का ट्रायल होगा इटारसी में
इटारसी। शहर के हॉकी कोच और एक युवा खिलाड़ी ने बांग्लादेश में जाकर हॉकी के प्रति जो जुनून और जज्बा दिखाया है, उससे इटारसी की हॉकी को और अधिक पहचान मिलने की उम्मीद जागी है। वह दिन दूर नहीं जब इटारसी के गांधी मैदान पर बांग्लादेश की टीम हॉकी खेलने आ जाए। यह भी संभव है कि कोलकाता की हावड़ा यूनियन की ट्रायल भी इटारसी में हो।
दरअसल इटारसी से हावड़ा यूनियन कोलकाता के मैनेजर बनकर गए वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी कन्हैया गुरयानी और खिलाड़ी मो. जैद खान ने बांग्लादेश में वह प्रभाव छोड़ा है कि वहां की हॉकी के दिग्गजों ने इटारसी में खेलने की इच्छा जाहिर की है, यह जानने के बाद भी कि यहां चट ग्राउंड है। बता दें कि इटारसी में हॉकी का जुनून देशभर में प्रसिद्ध है। जब बात बांग्लादेश में चली तो बांग्लादेश पहुंचे कुछ हॉकी के दिग्गजों ने इटारसी की हॉकी का गुणगान किया तो बांग्लादेश के बीकेएसपी की टीम ने इटारसी में खेलने की इच्छा जाहिर कर दी। कन्हैया गुरयानी बताते हैं कि उन्होंने इसकी जानकारी जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष सुरेश दुबे को दे दी है। श्री दुबे ने बांग्लादेश से लौटने पर श्री गुरयानी और मो. जैद खान का स्वागत किया। कन्हैया गुरयानी ने कहा कि संभव है कि आगामी दिनों में जब भी यहां महात्मा गांधी मेमोरियल प्रतियोगिता हो तो बांग्लादेश की एक टीम को हॉकी प्रेमी यहां गांधी मैदान पर खेलते देखें। ये भी हो सकता है कि टूर्नामेंट के लिए दो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अंपायर भी आ जाएं। इसके लिए प्रयास किये जाएंगे।

शहर के खेल को होगा फायदा
बांग्लादेश की राजधारी ढाका स्थित बांग्लादेश क्रीड़ा शिक्षा प्रतिष्ठान में हावड़ा यूनियन कोलकाता की टीम के साथ गए कन्हैया गुरयानी और मो. जैद ने वहां के हॉकी दिग्गजों को काफी प्रभावित किया है। यहां बांग्लादेश और श्रीलंका से जीतने के बाद टीम बीकेएसपी से हार गई, लेकिन लोगों का दिल जीत लिया। श्री गुरयानी बताते हैं कि बांग्लादेश में भी हॉकी के प्रति खासा लगाव और जुनून है। वहां जाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल का अनुभव हुआ, हावड़ा यूनियन सौ वर्ष पुराना क्लब है और उन्होंने अगला हॉकी ट्रायल इटारसी में करने की सहमति प्रदान की है, जिससे यहां के खिलाडिय़ों को खासा फायदा होगा। आज एक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने गया है, यहां ट्रायल होगा तो और भी खिलाड़ी आगे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हॉकी के प्रति जज्बा और अनुशासन देखकर लगा कि हमारे यहां के खिलाड़ी जब वहां जाएंगे तो काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

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