पुलिस को देख मुकुट उतारकर भागे कलाकार

दशहरा महोत्सव पर आचार संहिता पड़ रही भारी
इटारसी। श्रीराम लीला और दशहरा महोत्सव पर आचार संहिता भारी पड़ रही है और इसकी आड़ में विगत चार दिनों से लगातार पुलिस रात दस बजे के पहले रामलीला बंद करा रही है। शनिवार को पुलिस की इस कार्यप्रणाली का दर्शकों ने विरोध किया और काफी देर तक विवाद की स्थिति बनी रही। दरअसल, एसआई रिपुदमन सिंह और उनके साथ आए कुछ पुलिस कर्मियों ने रात 9:50 बजे जाकर रामलीला संचालक और लाउड स्पीकर संचालक को कहा कि समय हो गया, मंचन बंद करें। जब उनको कहा कि सर, बंद कर रहे हैं, आरती कर लें तो जवाब मिला कि बंद करो नहीं तो सबको बंद कर दूंगा। इतना सुनते ही मंच पर राम, लक्ष्मण और गुरु वरिष्ठ बने पात्र मुकुट उताकर मंच के पीछे भाग गए। पुलिस की इस कार्यप्रणाली को देख वहां मौजूद काफी संख्या में दर्शक तो चले गए लेकिन करीब एक सैंकड़ा दर्शकों ने इसका विरोध किया। इस दौरान मोबाइल पर घटना का वीडियो बना रहे एक व्यक्ति से भी कुछ लोगों की बहस हुई।
विधानसभा चुनावों की आचार संहिता के चलते गांधी मैदान और सूखा सरोवर मैदान में चल रहे रामलीला मंचन को पुलिस रात दस बजे के पूर्व जाकर बंद करा रही है। पुलिस की इस कार्यप्रणाली से न सिर्फ दर्शक मायूस हैं बल्कि उनमें नाराजी भी है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि वे सिर्फ लाउड स्पीकर बंद करा रहे हैं, रामलीला मंचन नहीं। लेकिन, दर्शकों का कहना है कि जब लाउड स्पीकर ही नहीं रहेगा तो कलाकार संवाद अदायगी कैसे कर पाएंगे। बीती रात पुलिस की इसी कार्यप्रणाली से दर्शकों में खासी नाराजी हो गयी और अनेक दर्शकों ने इसका तीखा विरोध जताया। काफी देर तक बहस हुई, लेकिन तब तक रामलीला मंचन बंद हो चुका था। हालांकि बाद में टीआई विक्रम रजक ने पहुंचकर मामले को संभाला और आश्वस्त किया कि निर्धारित समय में आरती तक रामलीला नहीं रोकी जाएगी।

लाउड स्पीकर संचालक में भय
हर रोज पुलिस का कोई न कोई अफसर गांधी मैदान में पहुंचकर लाउड स्पीकर संचालन कर रहे युवक को लाउड स्पीकर बंद करने को कहते हैं और उनको भय दिखाते हैं कि यदि बंद नहीं किया तो सिस्टम जब्त कर लिया जाएगा। लाचार लाउड स्पीकर संचालक तत्काल माइक बंद कर देता है। शनिवार की रात तो उस वक्त विवाद हो गया जब रामलीला संचालन बंद करा दिया और यहां तक आरती भी नहीं होने दी।
दरअसल, एक व्यक्ति ने कार्यक्रम का वीडियो बनाकर रामलीला संचालन पर सवाल उठाए थे। हालांकि उस वक्त रात के दस भी नहीं बजे थे, दस बजने में दस मिनट थे और मप्र कोलाहाल नियंत्रण अधिनियम का हवाला देकर सवाल उठाए गए। पुलिस ने भी आनन-फानन में पहुंचकर लाउड स्पीकर बंद करने का फरमान सुना दिया। उस वक्त अंतिम आरती भी नहीं हो सकी और जनता भड़क उठी। इस दौरान अनेक युवा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।

2013 में भी नहीं हुआ ऐसा
इससे पूर्व भी विधानसभा चुनावों के दौरान नवरात्रि और दशहरा महोत्सव सन् 2013 में मनाया गया था। लेकिन उस वक्त पुलिस ने इस तरह कभी रामलीला का मंचन बंद नहीं कराया। उस दौरान रात 12 बजे तक रामलीला चली और इस वर्ष रात दस बजे मंचन बंद होने से रामलीला के सारे प्रसंग पूरे नहीं हो पा रहे हैं और आयोजकों में चिंता है कि दशहरा तक रामलीला के प्रसंग पूरे हो सकेंगे कि नहीं? इसी तरह से इटारसी में दशहरा महोत्सव में रावण दहन की परंपरा दुर्गा चौक की दुर्गा जी और गुरुद्वारा भवन में स्थापित होने वाली माता महाकाली की पूजन के बाद निभायी जाती है। रावण के पुतले का दहन रात दस के बाद ही हो पाता है। इस वर्ष इस तरह की पुलिस की कार्यप्रणाली न सिर्फ आयोजकों को बल्कि आम जनता को भी चिंता में डाल रही है और लोगों को यह पुलिस की ज्यादती लग रही है।

इनका कहना है…!
मेरी जानकारी में सारा मामला है, हम किसी प्रकार का तनाव नहीं होने देंगे, आपको आश्वस्त करते हैं।
अरविंद सक्सेना, एसपी
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Sai Krishna1

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