होशंगाबाद। रविवार को माधव सन्यास आश्रम में महामण्डलेश्वर स्वामी माधवानंद जी गिरी के सानिध्य में अक्षय तृतीया के विशेष मुहूर्त पर कोरोना से बचाव के लिये विधिवत मंत्रोच्चार के साथ हवन किया गया। स्वामी माधवानंद जी ने बताया कि इस दिन ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण हुआ था एवं माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी हुआ था वहीं इस दिन महर्षी परशुराम का जन्म हुआ था इसीलिए आज परशुराम जन्मोत्सव भी मनाया जाता हैं। इस दिन कुबेर को खजाना मिला था, माँ गंगा का धरती अवतरण हुआ था। सूर्य भगवान ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था, इस दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था। वहीं वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना गणेश जी के साथ शुरू की थी। प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था। इस दिन प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण धाम का कपाट खोले जाते है। बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण चरण के दर्शन होते है। जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना आज से प्रारम्भ किया जाता है। आज ही के दिन से आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी। अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो। अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ आज से किया जा सकता है। इस अवसर पर स्वामी शंकरानंद जी, हंस राय , केप्टीन करैया, डाँ. दीपक सिंह तोमर , अम्बा प्रसाद कुशवाहा उपस्थित थे।