भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मंत्रालय के नवीन भवनों के निकट स्थित उद्यान परिसर में पौधे लगाए। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ अधिकारियों और पत्रकारों ने भी पौधे रोपे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मौलश्री का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा प्रत्येक व्यक्ति को वर्ष में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। धरती को यदि बचाना है तो हमें पर्यावरण बचाना पड़ेगा, पेड़ लगाने पड़ेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा यह हम सभी का कर्त्तव्य है कि पानी की एक-एक बूंद बचाएं, नदियां स्वच्छ करें और हम प्रकृति का दोहन करें शोषण नहीं। दोहन का अर्थ है प्रकृति जितना सहन कर सके उतना संसाधनों का उपयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा धरती सिर्फ मनुष्य मात्र के लिए नहीं है, यह जीव जंतु और पशु पक्षियों के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा आने वाली पीढ़ियों के लिए वृक्षारोपण पृथ्वी बचाने का सबसे अहम संदेश है। हाल ही में दो-ढाई माह में प्रकृति का एक नया रंग खिला है। इस अवधि में वाहनों के न चलने से आबोहवा शुद्ध हो गई है। पक्षियों का कलरव देखते ही बनता है, मानो उन्हें बड़ी राहत मिली हो। प्रत्येक व्यक्ति को पौधारोपण के लिए आगे आना चाहिए। यह संपूर्ण मानव समाज के हित में है।
वैज्ञानिकों का कहना है धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है। ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक इसमें 2 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि हो जाएगी। ग्लेशियर पिघल सकते हैं, अनेक प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
दो बहनों को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बंजर पहाड़ियों को हरा-भरा करने के कार्य के लिए ग्राम वन समिति मनेरी की दो बहनों श्रीमती कल्लो बाई एवं शालिनी को सम्मानित किया तथा 25-25 हजार रूपये की सम्मान निधि देने की घोषणा की।
चाह है तो सब संभव है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीमती कल्लो बाई एवं सालवी से बातचीत के दौरान कहा कि इन दोनों बहनों ने अपने कार्य से यह सिद्ध कर दिया है कि यदि चाह है तो सब कुछ संभव है। दोनों ने बहुत मुश्किल कार्य किया है। इन्होंने जंगलों में जीवित ठूठों को ढूंढ़कर उनकी देखभाल की। अब वहां सागौन का घना जंगल खड़ा हो गया है।
पर्यावरण की दृष्टि से वन क्षेत्र की सुरक्षा विगत 13 वर्षों से सक्रिय भूमिका निभा रही श्रीमती कल्लोबाई और शालिनी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रतिग धन्यवाद ज्ञापित कर कहा कि आज का दिन हमारी जिंदगी का यादगार दिन रहेगा। हमने कभी सोचा भी न था कि हमारे द्वारा किये जा रहे कार्य को कोई मुख्यमंत्री इतनी गंभीरता से लेंगे। पहली बार मुख्यमंत्री से चर्चा कर हम अभिभूत है। उन्होंने बताया कि वन ही हमार जीवन है, अपने जीवन को सुरक्षित करने और आगे आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिये वन संरक्षण करना अपनी आदत बना ली है। हमें मालूम है कि वनों से न केवल पर्यावरण सुधरता है, बल्कि कई परिवार भी इसी से चलते हैं।