मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की नराग्र वाटिका की जानकारी ली
बैतूल। आपने पुष्प वाटिका या फिर अन्य वाटिकाएं तो देखी और सुनी भी होंगी। लेकिन अगर यू कहें कि आपने नराग्र वाटिका(Naragra vatika) देखी तो थोडा अजीब लगेगा। लेकिन हम आपको बताएगें की नराग्र वाटिका यानि ग्रह(Planets), नक्षत्र(constellations) और राशियों(zodiac signs) से बनी भी एक वाटिका मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में है। सबसे खास बात की यह वाटिका वैदिक विज्ञान(Vedic science) के नियमों का पालन करते हुए बनाई है। जनपद सीईओ दानिश अहमद खान(District CEO Danish Ahmed Khan) ने बताया कि इस नराग्र वाटिका में 27 नक्षत्रों, 12 राशियों एवं 9 ग्रहों से संबंधित कुल 48 पौधों का रोपण दिशाओं का ध्यान रखते हुए किया गया है। सौरमंडल(Solar System) की रचना का ध्यान रखते हुए सबसे मध्य में सौरमंडल के मुखिया सूर्य से संबंधित एकवन (अकोन) का पौधा रोपा गया है। इसके बाद अन्य ग्रहों, राशियों और राशियों के पौधों का नियमानुकूल रोपण किया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीमए ने की बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने मंगलवार को सांसद आदर्श ग्राम के रूप में चयनित जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी के ग्राम कान्हावाड़ी में निर्मित नराग्र वाटिका की जानकारी ली। साथ ही यहां मनरेगा के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की। नराग्र वाटिका नक्षत्र, राशि एवं ग्रहों पर आधारित है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में सांसद डीडी उइके(Member of parliament DD Uike), सीईओ जिला पंचायत एमएल त्यागी(CEO Zilla Panchayat ML Tyagi), जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी के सीईओ दानिश अहमद खान ने भी भाग लिया।
निरीक्षण कार्यक्रम में शामिल थी वाटिका
जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दानिश अहमद खान ने बताया कि मनरेगा के तहत चल रहे चुनिंदा कार्यों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निरीक्षण कार्यक्रम में कान्हावाड़ी की नराग्र वाटिका का भी चयन किया गया था। मुख्यमंत्री चैहान ने लाइव वीसी के माध्यम से नराग्र वाटिका का निरीक्षण किया एवं यहां मनरेगा के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों से चर्चा भी की।
एक्यूप्रेशर ट्रेक (Acupressure track)एवं पाथवे भी है नराग्र वाटिका में
जनपद सीईओ खान ने बताया कि आम नागरिकों को पर्यावरण से जोडने और सौरमंडल सहित वैदिक विज्ञान की जानकारी दी जा सकेए इस हेतु नराग्र वाटिका में 100 मीटर लंबे एक्यूप्रेशर ट्रेक और 140 मीटर लंबे पाथवे का निर्माण भी किया गया है। यहां घूमने आने वाले लोगों को नराग्र वाटिका में लगाए गए पौधों की वैज्ञानिक जानकारी देने के लिए परिसर की दीवारों पर भी जानकारियां अंकित की गई है।