निकम्मे और अक्षम कर्मचारियों की होगी छुट्टी
इटारसी। मध्य प्रदेश सरकार सुशासन के अंतर्गत अब सभी विभागों को पूर्ण क्षमता के अनुसार कार्य कराने कमर कस चुकी है। ऐसे में निकम्मे, अक्षम और निरंकुश कर्मचारियों को आवश्यक सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। कर्मचारियों को प्रायवेट सेक्टर (Private Sector) की तरह ही चुस्त और मुस्तैद बनाने की कवायद प्रारंभ हो गयी है। जिला मुख्यालय पर पिछले दिनों हुई टीएल बैठक (TL Meeting) में सभी विभाग प्रमुखों को इस आशय के निर्देश मिले हैं और कुछ विभाग इस पर काम भी प्रारंभ कर चुके हैं। निजी क्षेत्र की तरह ही कम समय में गुणवत्तापूर्ण काम कैसे संपन्न हो, इसके लिए संस्था प्रमुख संबंधित कर्मचारियों के कार्यों का समय-समय पर प्रत्येक सप्ताह भौतिक सत्यापन करेंगे और संबंधित की कार्य में उपयोगिता है, या नहीं इसकी जानकारी से वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराएंगे। वरिष्ठ कार्यालय संबंधित का जहां, जैसी जरूरत होगी युक्तियुक्तकरण करेगा। साथ ही निकम्मे, निरंकुश कर्मचारियों को 20-50 के फार्मूले से सेवा से पृथक किया जा सकता है।
कामकाज में बेहतरी की कवायद
सरकारी मशीनरी के कामकाज में बेहतरी लाने के प्रयास के तहत इस आदेश के परिपालन में कृषि उपज मंडी में सचिव उमेश बसेडिय़ा शर्मा ने अपने मातहत अधिकारी-कर्मचारियों के बैठक लेकर इसके पालन करने के निर्देश दिये हैं। निर्देश में कहा है, जिन कर्मचारियों-अधिकारियों की आयु 50 वर्ष हो गई है और सेवा काल के 20 वर्ष हो गए हैं, उनके कार्यों की समीक्षा की जाए। समीक्षा के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों को यदि कामकाज में अक्षम पाया जाता है तो उन्हें आवश्यक सेवानिवृत्ति दे दी जाए। सभी विभागों को अधीनस्थ कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करनी है और उसके बाद अक्षम कर्मचारियों को सेवा मुक्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
इनका कहना है…
सरकारी कामकाज में बेहतरी लाने के लिए कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा की जाना है। हमने विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारियों को इस आशय के निर्देश दे दिये हैं। यदि कोई अक्षम या निकम्मा होगा तो उसे 20-50 के फार्मूला अपनाकर सेवा से पृथक किया जा सकता है। हमने स्वयं शपथ ली है और मातहत कर्मचारियों को भी शपथ दिलायी है कि पूरी क्षमता से कार्य करेंगे। सभी के कार्यों का भौतिक सत्यापन होगा।
उमेश बसेडिय़ा शर्मा, सचिव कृषि उपज मंडी इटारसी