---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
  yasr-loader

जानिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बारे में, कैसे ले सकते है विद्यार्थी इसका लाभ

By
On:
Follow Us

पॉलिसी: नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (National Education Policy) के अंतर्गत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है। भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कार्यान्वयन प्रक्रिया जल्द की जाएगी आरंभ
सन 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आरंभ की गई है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत कार्यान्वयन की योजना जल्द सरकार द्वारा घोषित की जाएगी। यह 1968 और 1986 के बाद तीसरी शिक्षा नीति है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे जैसे कि शिक्षा की विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओं को हटाया जाएगा, नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा सामग्र प्रदान किया जाएगा आदि। जिससे कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके। इस शिक्षा नीति को आने वाले 2 दशकों के लिए बनाया गया है। इस शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सितंबर माह में एक शिक्षा पर्व आयोजित किया गया था। इस शिक्षा पर्व के दौरान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई थी। मंत्रालय को इस शिक्षा पर्व के माध्यम से 15 लाख हितधारकों के सुझाव प्राप्त हुए थे।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी विवरण
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए दीक्षा प्लेटफार्म पर 50 घंटे का मॉड्यूल लांच किया गया है। इस मॉड्यूल के अंतर्गत 4 से 5 घंटे के 18 मॉड्यूल होंगे। इस मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षकों के लिए इन सर्विस ट्रेनिंग आयोजित की जा सकेगी। इस मॉड्यूल में प्राथमिक शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर किया है।

शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) द्वारा एक राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरस मिशन को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार द्वारा दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से ई लर्निंग का काफी विस्तार किया जाएगा। जिससे कि छात्रों को ई कंटेंट उपलब्ध करवाया जा सके।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा एक इनीशिएटिव लांच किया गया है जिसका नाम मनुदर्पण है। इस इनिशिएटिव के माध्यम से छात्रों को परामर्श तथा भावनात्मक सहायता प्रदान की जाएगी। इसी मनुदर्पण इनिशिएटिव के अंतर्गत नेशनल टोल फ्री नंबर, ऑनलाइन चैट, नेशनल लेवल डायरेक्टरी एंड डाटाबेस ऑफ काउंसिल्लर्स विकसित किया जाएगा।
एनसीआरटी के द्वारा भारतीय संकेत भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के माध्यम से स्कूल शिक्षा के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा का शब्दकोश बनाया जाएगा।

NEP के अंतर्गत सीबीएसई परीक्षा में सुधार चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। इन सभी सुधारों को 2021 से लागू किया जाएगा। एकेडमिक ईयर 2021-22 से गणित तथा हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृत दो स्तरों में पेश की जाएगी। इसके अलावा दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा में योगदान आधारित प्रश्नों में वृद्धि की जाएगी। यह योगदान आधारित प्रश्नों को बोर्ड परीक्षा में आरंभ किया जा चुका है और प्रतिवर्ष इन्हें 10% की दर से बढ़ाया जा रहा है।

पर्सनल एजुकेशन पॉलिसी शिक्षक प्रशिक्षण
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं सन 2020 में नई नेशनल एजुकेशन पालिसी लागू की गई है। इस एजुकेशन पॉलिसी में सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया गया है जिससे कि छात्रों का विकास हो सके। 7 जनवरी 2021 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी हमारे देश के बच्चों के भविष्य के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। इस पॉलिसी के अंतर्गत मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी, माध्यमिक स्कूल से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में कई क्रांतिकारी सुधार है।

National Education Policy के अंतर्गत छात्रों को मूल्य आधारित समावेशी शिक्षा प्रदान की जाएगी, उनके वैज्ञानिक मिजाज़ को विकसित किया जाएगा तथा उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री द्वारा यह भी कहा गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा प्रदान करने के लिए तकनीक का उपयोग तथा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा प्रोद्योगिकी(NETF) की भी स्थापना करने का प्रावधान है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से अब भारत के छात्र भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।

नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नेशनल एजुकेशन पालिसी व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के आधार पर टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा।

New National Education Policy 2021
आर्टिकल किसके बारे में है नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021
किस ने लांच की स्कीम भारत सरकार
लाभार्थी भारत के नागरिक
आर्टिकल का उद्देश्य इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
ऑफिशियल वेबसाइट यहां क्लिक करें

साल 2021 स्कीम उपलब्ध है या नहीं उपलब्ध

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 पर प्रधानमंत्री का देश को संबोधन
7 अगस्त 2020 को हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर देश को संबोधित किया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जी ने नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 के मुख्य तथ्य की चर्चा की।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नई शिक्षा नीति नए भारत का आधार बनेगी।
नई शिक्षा नीति भारत के छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाएगी और इसी के साथ यह नई शिक्षा नीति उन्हें अपनी सभ्यता से भी जोड़ा रखेगी।

नेशनल एजुकेशन पालिसी
इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों को अपने पैशन को फॉलो करने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा।
इस संबोधन में प्रधानमंत्री जी ने होर्डे मेंटालिटी का भी जिक्र किया।
प्रदानमंत्री जी ने कहा कि छात्रों को अपनी इंटरेस्ट, एबिलिटी और डिमांड की मैपिंग करनी चाहिए।
छात्रों को क्रिटिकल थिंकिंग को डिवेलप करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री जी ने यह भी कहा कि अब हम ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे हैं एक इंसान कोई एक प्रोफेशन अपनी पूरी जिंदगी फॉलो नहीं करेगा तो यह नई शिक्षा नीति इस बात को ध्यान में रखते हुए भी आरंभ की गई है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अब तक एजुकेशन पॉलिसी व्हाट ऊ थिंक पर फोकस करती थी लेकिन यह नई शिक्षा नीति अब हाउ टो थिंक पर फोकस करेंगी।
इस नई एजुकेशन पॉलिसी को इंप्लीमेंट करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का बहुत बड़ा योगदान होगा। टीचर्स ट्रेनिंग पर भी खास ध्यान देने की बात की है।
प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन मेंमल्टीपल एंट्री तथा एग्जिट के बारे में भी विस्तार पूर्वक समझाया है।
कक्षा 5 तक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाए जाने का प्रावधान इस नई शिक्षा नीति में शामिल किया गया है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अब समग्र शिक्षा में प्री प्राइमरी भी शामिल होगी
शिक्षा मंत्रालय स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करवाने के कार्य में जुटा हुआ है। इसी बीच यह निर्णय लिया गया है की समग्र शिक्षा में अगले वर्ष से प्री प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा। यह एक बहुत बड़ी पहल है। कोरोना काल के चलते स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई को भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा मजबूत बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी राज्यों से समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रस्ताव भेजने का सुझाव भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया है। मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसकी अध्यक्षता खुद केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक जी ने की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को लेकर चर्चा की गई थी।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी स्कूल बैग का वज़न तथा होमवर्क कम किया जाएगा
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत कई नए फैसले लिए गए हैं जिससे कि शिक्षा को और बेहतर बनाया जाएगा। इस पॉलिसी के अंतर्गत 1 से 10 कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल बैग का वजन उनके वजन का 10% ही होना चाहिए। इससे ज्यादा वजन की किताबें उनके लिए नहीं होनी चाहिए। इसी के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत व्हील कैरियर बैग लाना बच्चों के लिए मना किया गया है। क्योंकि उससे बच्चों को चोट लगने का खतरा होता है। सभी विद्यालयों में एक डिजिटल वेइंग मशीन रखी जाएगी। जिससे कि सभी बच्चों के स्कूल बैग का वजन मॉनिटर किया जा सकेगा। पॉलिसी डॉक्यूमेंट में ये भी है कि स्कूल बैग हल्का होना चाहिए और उसमें प्रॉपर कंपार्टमेंट्स होने चाहिए। स्कूल बैग में 2 पदेड एडजेस्टेबल स्ट्रप्स होने चाहिए। जो कि बच्चों के कंधे पर फिट हो सके।

National Education Policy 2021 का उद्देश्य
मुख्य उद्देश्य भारत मैं प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

छात्र की वित्तीय सहायता
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिससे कि बच्चे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हो और उनकी प्रगति हो। प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वह अपने बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान करें।

आईआईटी बहू विषयक संस्थान बनाए जाएंगे
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों को मानविकी छात्रों के लिए हैं दरवाजे खोलने होंगे। आईआईटी बाहु विषयक शिक्षा की ओर आगे बढ़ेगा।

विदेशी छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय
इसके अंतर्गत सस्ती लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक संस्थान में विदेशी छात्रों की मेजबानी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना होगी।

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करी जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना से भारत में शोधकर्ताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नई नई रिसर्च सामने आएंगी जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगी।

NEP के अंतर्गत बोर्ड का महत्व
इसके अंतर्गत बोर्ड परीक्षा का महत्व घटाया गया है। जिससे कि बच्चों के अंतर्गत तनाव में कमी आएगी। अब बोर्ड की परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ज्ञान बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत की जाने वाली सुविधाएं
विद्यालयों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मिड डे मील की गुणवत्ता ठीक हो। जिससे कि बच्चों को लंचबॉक्स ना लाना पड़े और विद्यालयों में पानी की सुविधा भी ठीक तरीके से उपलब्ध होनी चाहिए। जिससे कि बच्चों को वाटर बोतल ना लानी पड़े। इन सुविधाओं की वजह से स्कूल के बैग का साइज कम हो सकेगा।
विद्यालयों में क्लास का टाइम टेबल भी ऐसा बनाया जाएगा जिससे कि बच्चों के बैग का वजन कम हो। स्कूलों में लगाई गई सभी किताबों का वजन उनके ऊपर पब्लिशर्स के द्वारा प्रिंट करा जाएगा। स्कूलों द्वारा किताबों का चयन करते समय उनके वजन का भी ध्यान रखा जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों के होमवर्क पर भी ध्यान दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत दूसरी कक्षा तक बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा। क्योंकि पहली और दूसरी कक्षा के छात्र बहुत छोटे होते हैं और उन्हें इतनी देर तक बैठने की आदत नहीं होती है।
कक्षा तीसरी, चौथी तथा पांचवी के बच्चों को प्रत्येक हफ्ते में सिर्फ 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। कक्षा छठी से लेकर आठवीं के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। और 9वी से 12वीं क्लास के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।

विशेषताएं
मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
National Education Policy के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की गई है।
पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी और 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा होगी।
छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी।
पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी।
पहले साइंस, कॉमर्स तथा अर्ट स्ट्रीम होती थी। अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी। छात्र अपनी इच्छा अनुसार विषय चुन सकते हैं। छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई सब्जेक्ट भी पढ़ सकते हैं।
छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई जाएगी।
सभी स्कूल डिजिटल इक्विप्ड किए जाएंगे।
सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।
वर्चुअल लैब डिवेलप की जाएंगी।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 की कुछ मुख्य बातें
उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई प्रविष्ठियां और निकास बिंदु होंगे।
स्नातक कोर्स 3 या 4 साल के हो सकते हैं। जिसमें कई सारे एग्जिट ऑप्शन होंगे। जोकि उचित सर्टिफिकेशन के साथ होंगे जैसे कि यदि छात्र ने 1 साल स्नातक कोर्स में पढ़ाई की है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा, 2 साल के बाद एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा, 3 साल के बाद डिग्री दी जाएगी और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर की डिग्री दी जाएगी।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का गठन किया जाएगा जिसमें छात्रों द्वारा अर्जित किया गए डिजिटल अकैडमी क्रेडिट हो विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा और इसे अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया जाएगा और गिना जाएगा।
ईलर्निंग पर जोर देकर पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम करना भी इस नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य है।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी।
2030 तक हर जिले में कम से कम एक बड़ी बहु विषयक उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा।
2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहू विष्य संस्थान बनाने का लक्ष्य इस नई शिक्षा नीति में रखा गया है।
भारतीय उच्च शिक्षा आयोग संपूर्ण उच्च शिक्षा के लिए एकमात्र निकाय होगा। (चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर)
भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के पास चार वर्टिकल होंगे जो कि नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल, जनरल एजुकेशन काउंसिल, हायर एजुकेशन काउंसिल तथा नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल होगा।
शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकारी तथा प्राइवेट शिक्षा मानव एक समान होंगे। तथा दिव्यांग जनों के लिए शिक्षा में बदलाव किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के लाभ
नेशनल एजुकेशन पालिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।
पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का विकल्प रखा जाएगा। छात्र अगर चाहे तो यह भाषाएं पढ़ सकते हैं।
बोर्ड परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा। ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षाएं ली जाए।
पढ़ाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
हाइर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मैन सिलेबस में रखा जाएगा।
छात्रों को 3 भाषा सिखाई जाएंगी जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे कि यह पॉलिसी सुचारू रूप से चल पाए।
नई नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यदि कोई छात्र कोई कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो वह पहले कोर्स से निश्चित समय तक ब्रेक ले सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है।

 

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.