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विधानसभा चुनाव : धधक रही है बगावत, असंतोष और पलायन की आग
रोहित नागे, इटारसी
एक पूर्व विधायक की सोशल मीडिया पोस्ट बनी चर्चा का विषय
विधानसभा चुनाव 2023 की रणभेरी बजने के बाद उम्मीदों के उडऩखटोले पर सवार नेताओं ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक टिकट की जगुत लगायी और कई प्रकार के दावे भी किये। कुछ नेताओं ने तो अपनी टिकट पक्की मानकर लगातार जनता से संवाद शुरु कर दिया, कई घोषणाएं कीं और अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए पैसा पानी की तरह बहा दिया। जब टिकट घोषित हुई तो कांग्रेस ने सारे नये चेहरे उतार दिये और भाजपा ने कोई बदलाव नहीं किया। ऐसे में जो उम्मीदों के उडऩखटोले से सीधे जमीं पर आए, उनमें असंतोष, बगावत और पलायन जैसी बातें होना स्वभाविक है।
पूर्व विधायक की पोस्ट और कयास
होशंगाबाद की पूर्व विधायक और कांग्रेस नेत्री सविता दीवान शर्मा की पिछले पांच दिन में तीन सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा का विषय बनी हुई है। पांच दिन पूर्व तो उन्होंने जिले के चारों कांग्रेस प्रत्याशियों को नाम सहित बधाई दी और शीर्ष नेताओं का आभार माना। तीन दिन पूर्व उन्होंने एक नयी पोस्ट की जिसमें लिखा कि अपना अस्तित्व बचाने को अपनों से लडऩा पड़ता है। जब भीष्म अधर्म के रक्षक हों तो अर्जुन बनना पड़ता है। अब उनकी ताजा पोस्ट है, उसूलों पर जहां आंच आए टकराना जरूरी है, जो जिंदा हों तो फिर जिंदा नज़र आना जरूरी है। इन पोस्ट के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि वे जल्द ही भाजपा ज्वाइन कर सकती हैं। हालांकि उनकी तरफ से अभी ऐसे कोई स्पष्ट संकेत नहीं है, यह केवल कयास है।
भगवती और चंद्रगोपाल के सुर
सांसद उदय प्रताप सिंह के साथ कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आये भगवती चौरे भाजपा से टिकट चाह रहे थे, उन्होंने प्रयास भी किये। लेकिन भाजपा ने जिले से कोई चेहरा नहीं बदला। टिकट की घोषणा होते ही भगवती चौरे के सुर बदल गये। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे भाजपा प्रत्याशी के चयन से खुश नहीं हैं और अपनों से चर्चा करने के बाद वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। भगवती चौरे कुर्मी समाज के बड़े नेता हैं। समाज का एक बड़ा तबका उनके लिए समर्थन जुटा रहा है और दोनों पार्टी से जुड़े नेताओं को भी समाज हित की दुहाई देकर समर्थन मांगा जा रहा है। इधर कुर्मी समाज के ही नेता चंद्रगोपाल मलैया कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे, वे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर अपने समर्थकों के साथ विरोध जता आये हैं और उनके भी निर्दलीय लडऩे के आसार हैं। अब देखना है कि ये दोनों नेता भाजपा और कांग्रेस का कुर्मी बहुल वोट बैंक कितना प्रभावित कर पाते हैं?
चलते-चलते….
क्या बदलेगी टिकट? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय था । पिपरिया में कांग्रेस की टिकट बदलने के आसार थे । माना जा रहा है कि यहां से बाहरी प्रत्याशी गुरुचरण खरे के स्थान पर वीरेन्द्र बेलवंशी को टिकट दिया जा सकता है। और अंततः टिकट बदल ही गया अब वीरेन्द्र बेलवंशी होंगे नए प्रत्याशी । सियासी गलियारों में चर्चा तो यह भी है कि आज शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नर्मदा पुरम रोड शो के दौरान पूर्व विधायक बीजेपी में जा सकती हैं।
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रोहित नागे, इटारसी
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