बहुरंग: बॉलीवुड, रविकिशन और जया बच्चन

Post by: Poonam Soni

विनोद कुशवाहा/बॉलीवुड में जितने भी अभिनेता या अभिनेत्री लोकसभा अथवा राज्य सभा में जोड़-तोड़ कर पहुंचे हैं उनमें से अधिकांश तो शो पीस ही साबित हुए हैं। अव्वल तो ये तथाकथित स्टार संसद की कार्यवाही में भाग ही नहीं लेते या संसद में भूले भटके पहुंच भी जाते हैं तो खामोश रहते हैं। कभी-कभार बिना सोचे-समझे बोलते भी हैं तो भोजपुरी अभिनेता रवि किशन की तरह विवादों से घिर जाते हैं। ठीक यही स्थिति राज्यों की विधान सभाओं की भी है लेकिन इनमें दक्षिण भारत एक अपवाद है। शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना और स्मृति ईरानी तो मंत्री बनकर भी कुछ खास नहीं कर पाए जबकि दक्षिण भारत की विधान सभाओं में विशेषकर तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में तो वहां के अभिनेता या अभिनेत्री न केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं बल्कि सफल भी रहे हैं।

रविकिशन की बात निकली है तो दूर तलक जाएगी क्योंकि इस विवाद में जया बच्चन भी कूद पड़ीं हैं। अन्यथा उनके मुंह पर तो हमेशा ताला ही लगा रहता है। रविकिशन ने बॉलीवुड को ‘गटर’ क्या बोल दिया जया गटर की सफाई में ही लग गईं। जबकि इस समय बॉलीवुड के पक्ष में कुछ बोलना मतलब ड्रग्स, नेपोटिज्म, मी टू के पक्ष में बोलना माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बच्चन परिवार के करण जौहर से कुछ खास ही रिश्ते रहे हैं। क्या जया की बुद्धि भृष्ट हो गई थी जो उन्होंने कीचड़ में पत्थर फेंक दिया। वैसे भी जब उनका बोलना जरूरी होता है तो वे चुप्पी साध लेती हैं और जब चुप रहना होता है तो वे बोल पड़ती हैं। फिर वे आगे पीछे कुछ नहीं देखतीं। बॉलीवुड की गंदगी से वाक़िफ होने के बाद भी जया को ऐसा क्या सूझा कि वे पोंछा लगाने बैठ गईं?

रविकिशन ने संसद में जो वक्तव्य दिया है वह एक तरह से सही ही तो है। बॉलीवुड में ड्रग्स माफिया की नकेल कसना आवश्यक हो गया था। ये अलग बात है कि रविकिशन पर भी गांजा सेवन करने का आरोप है। मगर जया बच्चन ने तो अपने वक्तव्य में पूरे बॉलीवुड को निर्दोष करार दिया। जबकि आज बॉलीवुड में क्या नहीं हो रहा। इधर जया जी को थाली का एक ही छेद दिखा। बाकी छेदों की तरफ से उन्होंने आंखें मूंद लीं। बाल सफेद होने का अर्थ ये नहीं होता कि आप परिपक्व हो गए। इस पर चर्चा फिर कभी। अभी तो हम बॉलीवुड की ओर रुख करते हैं।

बॉलीवुड को जया बिल्कुल मासूम और निर्दोष बता रही हैं जबकि युवा पीढ़ी के रोल मॉडल्स की असलियत कुछ और ही है। पहले ड्रग्स की बात करते हैं। खलनायक संजय दत्त ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। ममता कुलकर्णी ड्रग्स रैकेट में शामिल होने के चलते पकड़ी गईं थीं तो फिरोज खान के कुपुत्र फरदीन खान भी कोकीन खरीदते पकड़े गए थे। रणवीर कपूर ने तो एक साक्षात्कार में खुद ड्रग्स लेने की बात कबूल की है। मनीषा कोईराला नेपाल जैसे देश से हैं जहां ड्रग्स लेना कोई बड़ी बात नहीं है। रिया चक्रवर्ती ने भी अंततः स्वीकार कर ही लिया कि वे भी ड्रग्स लेती थीं। उन्होंने जिनके नाम लिए या इस मामले में पकड़े गए ड्रग पैडलर्स के माध्यम से जिनके नाम सामने आए उनके बारे में जानकर बड़ी हैरानी हुई। जैसे दीपिका पादुकोण, श्रद्धा शर्मा, नम्रता शिरोड़कर, दिया मिर्जा, रकुलप्रीत, सारा अली खान आदि। इनके खिलाफ तो व्हाट्सएप चैट के सबूत भी मिल गए हैं। इसी आधार पर उन्हें समन भी भेजे गए। NCB पूछताछ के बाद इनको गिरफ्तार कर सकती है। ये तो बॉलीवुड की ‘गटर’ की छोटी मछलियां हैं। करण जौहर जैसे असल मगरमच्छ तो अभी भी CBI और NCB की पकड़ में आने से बचे हुए हैं। आज नहीं तो कल इनकी भी घेरेबंदी होगी।

पायल घोष की हिम्मत से ‘मी टू’ का फंदा भी मजबूत होता जा रहा है। ये फंदा जब जाने-माने निर्देशक अनुराग कश्यप का नाप ले ही रहा था कि सपना भगनानी ने भी फिल्म इंडस्ट्री की एक शख़्सियत पर ‘मी टू’ का आरोप जड़ दिया। तनु श्री, कंगना तो पहले ही संकेत कर चुकी हैं। अब जया बच्चन को चाहिए कि वे इत्मीनान से बैठकर बॉलीवुड की थाली के छेद गिनें। रविकिशन का इशारा न समझ पाने का खामियाजा तो उन्हें भुगतना ही पड़ेगा क्योंकि इस हमाम में सब नंगे हैं जया जी। आपकी फिल्म इंड्रस्टी की थाली में बड़े-बड़े छेद है। आईए देखते हैं कितने बड़े छेद हैं।

पहले आपके परिवार की ही बात करते हैं। इसमें सभी शामिल हैं। आप सबने बॉलीवुड में, सार्वजनिक जीवन में और निजी जीवन में रहते हुए किस-किस की थाली में कितने छेद किये ये जगजाहिर हैं। कोशिश करता हूं गिनाने की। कहीं भूल जाऊं तो याद दिला दीजियेगा। हालांकि हर नाम के पीछे एक कहानी है लेकिन ये कहानियां सिलसिलेवार फिर कभी। फिलहाल तो इन नामों पर ही अपनी नज़र रखिये।

राजीव गांधी, अमर सिंह, सुब्रत राय, अजिताभ बच्चन, भास्कर बनर्जी, प्रकाश मेहरा, महमूद, सुनीलदत्त, मनोज कुमार, अमजद खान, सलमान खान, विवेक ओबेरॉय, रमोला, रेखा, परवीन बॉबी, स्मिता पाटिल, जया प्रदा, शीतल, करिश्मा कपूर, रानी चटर्जी आदि कितने ही ऐसे नाम हैं जिनकी थाली में इस परिवार ने इतने बड़े छेद किये हैं कि वे आज तक अपने ज़ख्म सहला रहे हैं । इन जख्मों पर ये परिवार अभी भी समय – समय पर नमक छिड़कता रहता है ।

आइए अब बॉलीवुड की थाली के उन छेदों की बात करते हैं जैसे सलमान ने फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर कार चढ़ा दी थी । सलमान , सैफ अली खान , सोनाली बेंद्रे , नीलम ने सामूहिक रूप से काले हिरन का शिकार किया । फिल्म अभिनेत्री मंदाकिनी , ममता कुलकर्णी , मोनिका बेदी अंडरवर्ल्ड डॉन के हरम में भेज दी गईं । अंडरवर्ल्ड की शादियों में बॉलीवुड के स्टार नाचने – गाने जाते रहे । अंडरवर्ल्ड के पैसों से बॉलीवुड में फिल्में बनतीं रहीं । बॉलीवुड से अंडरवर्ल्ड हफ्ता वसूली भी करता रहा । भरत शाह से लेकर नदीम तक लगभग हर फिल्म निर्माता का कनेक्शन ‘ डी ‘ कम्पनी से रहा । फिल्म निर्माता गुलशन कुमार को तो अंडरवर्ल्ड ने खुलेआम गोलियों से भून दिया था । बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली अभिनेत्रियां ‘ कास्टिंग काउच ‘ का शिकार होती रहीं । हम नेताओं पर तो उंगलियां उठाते हैं मगर ‘ मी टू ‘ के सबसे ज्यादा प्रकरण तो बॉलीवुड में ही सामने आए । बॉलीवुड में कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब ‘ रेव पार्टियां ‘ न होती हों । सलमान खान , शाहरुख खान से विवेक ओबेरॉय तक होती हुई एक अभिनेत्री ऐसे परिवार की बहू बन गई जो उससे पहले करिश्मा कपूर और रानी मुखर्जी तक को ठुकरा चुका था । जबकि दोनों अभिनेत्रियां बॉलीवुड के प्रतिष्ठित परिवारों से ताल्लुक रखतीं थीं ।

अब इतना सब कुछ होने के बाद भी जया बच्चन को बॉलीवुड की थाली में छेद नहीं दिखे तो कोई क्या कर सकता है । ऐसे में सांसद अभिनेता रविकिशन बॉलीवुड को ‘ गटर ‘ न कहें तो क्या कहें । रविकिशन ने बॉलीवुड के लिए इससे भी भद्दा शब्द इस्तेमाल किया होता तो भी स्वीकार्य था क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी के रोल मॉडल इसी ” गटर ” में पड़े हुए हैं ।

vinod kushwah

विनोद कुशवाहा(Vinod kushwaha)

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