Sahitya
झरोखा : एक तमाशा बन गया हूं दुनिया के मेले में…
: पंकज पटेरिया –चलो केतली का ढक्कन मां बेटे के हाथों ने खोल दिया और सारी फांप हवा हो गई ...
गीत : भूल गए क्यों प्रीत हमारी…
कितने सारे गीत रचे हैं ,तुम्हें सुनाने मीत ।भूल गए क्यों प्रीत हमारीऔर प्रेम की रीत ।। कोयल बागों में ...
झरोखा : कमलनाथ जी का भाजपा में जाने की चर्चा – नो स्मोक, विदाउट फायर…
: पंकज पटेरिया –इन दिनों राजधानी के सियासी प्याले में इस बात से तूफान आया हुआ है कि पूर्व सीएम ...
नज्म : तुम आओ क़रीब हमारे…
तुम आओक़रीब हमारेऔरमुस्कुरा दोतो …इससे अच्छाक्या होगानज़ारा कोई ? हम कह देंअपना हर ग़मतुम थाम लोधीरे सेहाथ हमारातो …इससे ज्यादाक्या ...
गजल : कोई भी शख़्स मुझको नहीं है भला मिला
ज़ीस्त में मुझको हर एक से ही दगा मिला ,कोई भी शख़्स मुझको नहीं है भला मिला । मैं समझा ...
वसंत पंचमी पर मानसरोवर ने किया कविता की एक शाम का आयोजन
इटारसी। मानसरोवर साहित्य समिति के तत्वावधान में वसंत पंचमी के अवसर पर संस्था ने कविता की एक शाम का आयोजन ...
झरोखा : आसमां पर हुकम किसका चल रहा है…
: पंकज पटेरिया –हरदा हादसे से अकेला हरदा नहीं सूबा भी हिल गया। कहने की जरूरत नहीं कि आगामी दिन ...
गजल : अब सिवा याद के बचा क्या है ?…
अब सिवा याद के बचा क्या है ?राख़ में मुझको ढूँढ़ता क्या है ? बात करने नहीं रहा कोई अपना ...
झरोखा : अयोध्या जी मे बिराजे श्री रामलला
: पंकज पटेरिया – श्री अयोध्या धाम में नव्य भव्य दिव्य मंदिर में रामलला जी के की प्राण प्रतिष्ठा 22 ...
गजल : दिल से मेरे जाने क्यों अब वो…
दिल से मेरे जाने क्यों अब वो, ज़ुदा होता नहीं,कैद में है उसकी दिल मेरा, रिहा होता नहीं। बस गये ...