नर्मदापुरम। मालाखेड़ी (Malakhedi) स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (Saraswati Shishu Vidya Mandir) में शिशु पोषण कार्यशाला (Child Nutrition Workshop) का आयोजन नर्मदा अपना अस्पताल (Narmada Apna Hospital) की मुखिया डॉ रेणु शर्मा (Dr. Renu Sharma) की अध्यक्षता में किया। विशिष्ट अतिथि जिला महिला एवं बाल विभाग की सुपरवाइजर रश्मि वर्मा रहीं।
विद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों की माताओं को आमंत्रित किया जिसमें माताओं को शिशु पोषण संबंधित जानकारी दी गई। डॉ रेणु शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि किस प्रकार शिशुओं को इस उम्र में पोषण आहार के साथ-साथ उचित व्यवहार की भी आवश्यकता होती है। शिशु का पोषण मां के गर्भधारण से ही आरंभ हो जाता है। पोषण केवल शारीरिक नहीं होता बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए माता का मानसिक व आध्यत्मिक पोषण भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। डॉ. शर्मा ने समस्त माताओं को बताया कि 3 से 5 वर्ष की उम्र में शिशु मस्तिष्क के विकास का समय होता है। इस विकास समय में उनके साथ परिवार के संस्कार व आपसी व्यवहार किस प्रकार होना चाहिए यह बहुत आवश्यक है। घर का वातावरण भी शुद्ध एवं सात्विक होना चाहिए जिससे शिशु अपने मस्तिष्क का विकास सही ढंग से कर सकें।
बच्चों के शारीरिक विकास हेतु उन्हें उचित पोषण आहार देना भी बहुत आवश्यक होता है। विशिष्ट अतिथि ने माताओं को शिशु पोषण से होने वाले लाभ बताएं साथ ही यह भी बताया कि किस आहार में कौन सा पोषक तत्व होता है जो बढ़ते हुए शिशुओं के लिए बहुत आवश्यक होता है। आयोजन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा बड़ी संख्या में माताएं उपस्थित रही। कार्यक्रम की रूपरेखा पर संस्था प्राचार्य जितेंद्र परसाई ने प्रकाश डाला।
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शिशु पोषण कार्यशाला में डॉ रेणु शर्मा ने मातृशक्ति से संवाद किया


Rohit Nage
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