एक व्यक्ति के अलग विचार से परिवार और राष्ट्र बिखर जाते : हेमलता शास्त्री

एक व्यक्ति के अलग विचार से परिवार और राष्ट्र बिखर जाते : हेमलता शास्त्री

इटारसी। एक व्यक्ति के अलग विचार होने से पूरा परिवार समाज और राष्ट्र भी बिखर जाता है, इसलिए जीवन में कैकई जैसे कुशन का विचार मन में कभी नहीं लाना चाहिए। उक्त उद्गार श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा की मानस मर्मज्ञ सुश्री हेमलता शास्त्री ने वृंदावन गार्डन इटारसी में व्यक्त किए। शहर के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए न्यास कॉलोनी में आयोजित श्री राम कथा समारोह के पांचवे दिवस में उपस्थित श्रोताओं के अपार समूह के समक्ष मानस मर्मज्ञ सुश्री हेमलता शास्त्री ने श्री राम वनवास का बेहद मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि जो भी परिवार समाज का राज्य का या राष्ट्र के संचालन में अपनी भूमिका निभाते हैं, उन परिवारों को एक माला के समान रहना चाहिए। परिवार में किसी एक व्यक्ति के भी निजी स्वार्थ वा कुसंगीत विचार अलग होते हैं तो वह है परिवार तो बिखरता ही है, समाज राज व राष्ट्र की सत्ता भी डगमगा जाती है जिसका सीधा उदाहरण माता कैकई के विचारों में मिलता है, जिसके कारण रघुवंश राजघराने के साथ ही अवध राष्ट्र की सत्ता भी बिखरने की कगार पर आ गई थी। लेकिन मर्यादामय श्री राम के धैर्य पूर्ण विचारों ने इस बिखराव को रोक लिया।
इसी प्रसंग को विस्तार देते हुए मानस मर्मज्ञ हेमलता शास्त्री ने कहा कि श्री राम वनवास का यह प्रसंग यह संदेश देता है कि जीवन में अधिक सुख मिलने पर ज़्यादा खुशी नहीं मनाना चाहिए और दुख मिलने पर धैर्य नहीं खोना चाहिए तभी श्री राम जैसा जीवन सफल होता है। उपरोक्त मार्मिक प्रसंग के साथ ही उन्होंने मझधार में है, नैय्या रूपी भजन भी मार्मिक और रोचक स्वरूप में प्रस्तुत किया तो समूचा कथा पंडाल भक्ति में झूम उठा। कथा के प्रारंभ में अतिथि श्रीमती सीमा मदन सिंह रघुवंशी एवं आयोजक मंडल की महिलाओं ने प्रवचन कर्ता का स्वागत किया एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक जसवीर छाबड़ा ने किया।

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