सामाजिक समरसता के पुरोधा भगवान श्रीराम विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता

सामाजिक समरसता के पुरोधा भगवान श्रीराम विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय (Government Girls College) में सामाजिक समरसता के पुरोधा भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram Subject) विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के तहत आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा (Principal Dr. RS Mehra) ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम (Maryada Purushottam) श्री राम का जीवन सामंजस्य और समरसता का प्रतीक है।

पथ प्रदर्शक के रूप में भगवान श्री राम ने समाज में हासिये पर खड़े व्यक्ति को गले लगाया। केवट व शबरी को अपनाकर समय एवं समाज के निषेधों को किनारे कर समाज को मनुष्यमात्र के एक होने का संदेश दिया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिरीष परसाई (Dr. Shirish Parsai) ने कहा कि भगवान श्री राम का जीवन पग पग पर एकता, समरसता और अभेदता का संदेश देता है। केवट के मित्र, शबरी का झूठा बेर खाने वाले भगवान श्री राम का चरित्र समरसता का महाभाव प्रदर्शित करता है।

भारत की समृद्ध परंपरा और संस्कृति में भगवान श्री राम निश्चय ही सामाजिक समरसता के सबसे बड़े पुरोधा हैं। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जय श्री पटेल, द्वितीय स्थान सविता यादव तथा तृतीय स्थान कंचन यादव ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में रविंद्र चौरसिया, डॉ शिरीष परसाई, डॉ मुकेश चंद्र विष्ट, डॉ हर्षा शर्मा डॉ संजय आर्य, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ नेहा सिकरवार, तरुणा तिवारीं, प्रिया कलोसिया, शोभा मीणा, क्षमा वर्मा, करिश्मा कश्यप उपस्थित थीं।

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AUTHORRohit

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