महोदय ,
बैतूल जिले के आदिवासी विकास खंड शाहपुर के जनपद शिक्षा केन्द्र में पदस्थ बी आर सी राधेश्याम भास्कर को पहले तो गम्भीर आरोपों के चलते संभागायुक्त श्रीमन शुक्ल ने निलंबित किया और बाद में संभागायुक्त ने उसे आसानी से बहाल कर आदिवासी विकास खंड घोड़ाडोंगरी के पाढर ग्राम में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता के पद पर बहाल भी कर दिया गया। जबकि निलंबित बीआरसी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाही भी प्रस्तावित की गई थी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के दैनिक समाचार-पत्रों ने तत्संबंधी समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किये था। इधर मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह इंदौर में आयोजित विभागीय अधिकारियों की बैठक में कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों – कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं ठीक इसके उलट माननीय मंत्री जी के बैतूल-हरदा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत् आदिवासी विकास खंड शाहपुर के जनपद शिक्षा केन्द्र में पदस्थ बी आर सी राधेश्याम भास्कर को बहाल कर अधिकारी उसे सम्मानजनक ढंग से आदिवासी विकास खंड के ग्राम पाढर स्थित स्कूल में व्याख्याता के पद पर पदस्थ कर देते हैं। जबकि आगामी तीन माह में लोकसभा के चुनाव संभावित हैं। ऐसे में जनजातीय विभाग के इस कृत्य से आम मतदाताओं में क्या संदेश जाएगा? अतएव मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री माननीय डॉ मोहन यादव तथा जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह से अनुरोध है कि निलंबित बी आर सी राधेश्याम भास्कर की बहाली से संबंधित सम्पूर्ण प्रकरण की सी बी आई से जांच कराकर दोषी अधिकारियों – कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करें।
ज्ञातव्य है कि जनजातीय विभाग में पदस्थ व्याख्याता राधेश्याम भास्कर का जनपद शिक्षा केन्द्र, आमला में बी आर सी के पद का कार्यकाल भी विवादास्पद रहा है। बेहतर होगा यदि उसके इस कार्यकाल की भी निष्पक्ष जांच कराई जाए।
विनोद कुशवाहा
न्यास कॉलोनी, इटारसी.