महोदय,
एक समय शहर की पॉश कॉलोनी मानी जाने वाली न्यास कॉलोनी इन दिनों अपनी बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर चर्चा में है। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश वल्लभ सोनी की स्मृति में बनाए गए पार्क के आसपास जहां – तहां कचरा और गंदगी पड़ी रहती है। स्ट्रीट लाइट बंद रहती हैं। पानी की टंकी पर अपनी स्थापना के समय से ही जमे कर्मचारियों पर शिकायतों का कोई असर होता नहीं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक डॉ सीतासरन शर्मा , नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, वार्ड पार्षद अमृता मनीष ठाकुर, सी एम ओ ऋतु मेहरा से शिकायत का भी न्यास के सफाई कर्मचारियों को कोई डर नहीं रह गया है। यहां के रहवासियों के लिये पहले पानी की टंकी पर एक शिकायत पुस्तिका उपलब्ध रहती थी। वह भी सफाई कर्मचारियों ने गायब कर दी।
कुछ समय पूर्व तक सफाई कर्मचारियों का सफाई करने के बाद कॉलोनी निवासियों से हस्ताक्षर करवाना अनिवार्य रहता था। वह व्यवस्था भी भंग कर दी गई। नगरपालिका के स्वच्छता निरीक्षक को इस तरफ देखने की फुर्सत नहीं है।
इधर शहर के बाजार क्षेत्र में ही कौन सी सफाई हो रही है। नगर के अधिकांश वार्डों की भी कमोबेश यही स्थिति है। पहले केवल एक टाइम सफाई होती थी वह भी अब नहीं हो रही। मार्केट की नालियां चॉक पड़ी हुईं हैं।
खैर । फिलहाल बात न्यास कॉलोनी की। जब न्यास कॉलोनी बनी थी तब यहां के हितग्राहियों ने एक ‘विकास समिति’ का गठन किया था जिसमें लोकप्रिय व्यवसायी भाई अभिमन्यु , पत्रकार डेनिस जोनाथन आदि सक्रिय और जिम्मेदार नागरिक थे। अब तो दुर्गा मंदिर के आसपास रहने वाले कुछ लोगों ने एक ‘मोहल्ला समिति’ बना रखी है जो केवल अपने स्वार्थ सिद्ध कर कॉलोनी के प्रति अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते हैं । वैसे भी यह ‘मोहल्ला समिति’ पूरी कॉलोनी के रहवासियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। अपने बचाव के लिए समिति के सदस्यों ने एक भूतपूर्व पार्षद को भी समिति से जोड़ लिया है। हास्यास्पद तो यह है कि उक्त पार्षद महोदय ने दस वर्ष निरंतर पार्षद रहते हुये भी कॉलोनी के लिये कुछ नहीं किया तो अब वे क्या कर लेंगे।
न्यास कॉलोनी का इतिहास देखें तो इसमें नगरपालिका पार्षद के रूप में मात्र बृजमोहन गौर का कार्यकाल बेहतर रहा है। वार्ड की वर्तमान पार्षद का कॉलोनी की समस्याओं के प्रति नकारात्मक रुख बेहद आहत करता है … और ये ‘बंगला ड्यूटी’ क्या होती है ? प्रकाश उद्यान के आसपास कचरा और गन्दगी पड़ी रहती है। एल आई जी 77 से 90 के बीच स्ट्रीट लाइट शाम को मात्र पांच मिनिट के लिये जलती है। उसके बाद तो कॉलोनी के इस मुख्य मार्ग पर अंधेरा छा जाता है जिससे हमेशा दुर्घटनाओं का भय बना रहता है।
उल्लेखनीय है कि इस मार्ग पर एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं है जबकि यहां पर स्कूली बच्चों, भक्तों, बुजुर्गों, महिलाओं की आवाजाही बनी रहती है। कलेक्टर बैठकों में व्यस्त हैं। नवागत् एस डी एम ने आते ही से स्थानीय दीनदयाल उपाध्याय शासकीय चिकित्सालय का निरीक्षण क्या किया उसे क्लीन चिट दे डाली। हालात् ये हैं कि इटारसी के नागरिकों को सबसे अधिक असुविधाओं का सामना इसी हॉस्पिटल में करना पड़ता है। वो तो भला हो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक डॉ सीतासरन शर्मा का जिन्होंने एस डी एम के दौरे के तत्काल बाद इस शासकीय अस्पताल का भ्रमण किया और हॉस्पिटल की खामियां गिना दीं।
अब देखना ये है कि वे उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के माध्यम से नगर के इस सर्वाधिक समस्याग्रस्त अस्पताल के इलाज हेतु क्या प्रयास करते हैं। आश्वासन तो हमको बहुत मिले हैं। ज्ञातव्य है कि राजेन्द्र शुक्ल के पास चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं । उम्मीद है कि क्षेत्रीय विधायक डॉ सीतासरन शर्मा एम्स की तर्ज पर हर संभाग में खोले जाने वाले हॉस्पिटल की योजना में इटारसी को भी शामिल कराने के लिये समस्त आवश्यक प्रयास करेंगे।
मैंने पिछले दिनों अपने एक पत्र के माध्यम से इटारसी के मुख्य बाजार के फ्रूट मार्केट चौराहे पर सार्वजनिक शौचालय के सामने स्थित अंडर ग्राउंड नाली के ऊपर लगी उस जाली की ओर नगरपालिका प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था जिसके आसपास उभरे गैप्स में कभी भी किसी बुजुर्ग, महिला अथवा बच्चों का पैर फंस कर गम्भीर रूप से घायल हो सकता है मगर अफसोस कि नगरपालिका प्रशासन ने उसके सुधार हेतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
विनोद कुशवाहा
एल आई जी / 85
न्यास कॉलोनी
इटारसी ( म. प्र. )
96445 43026