इटारसी। मप्र कांग्रेस कमेटी उपभोक्ता संरक्षण प्रकोष्ठ (MP Congress Committee Consumer Protection Cell) ने आज एक पत्रकार वार्ता (press conference) में प्रदेश सरकार पर उपभोक्ता हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और घोटालों को लेकर घेरा है। इस दौरान संगठन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र वर्मा (Narendra Verma), मप्र कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय (Rajkumar Kelu Upadhyay) व पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष पंकज राठौर (Pankaj Rathore) ने संबोधित किया।
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र वर्मा ने कहा कि नापतौल विभाग कांटे, मीटर व लीटर सत्यापन के लिए शिविर नहीं लगा रहा जिससे प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ता ठगी का शिकार हो रहे हैं। नापतौल विभाग के अधिकारी समूचे प्रदेश में दुकानदारों के यहां उपयोग किए जा रहे तराजू, वांट, कांटे मीटर व लीटर आदि का सत्यापन करने में रुचि नहीं ले रहे हैं, रोजमर्रा का सामान खरीदने वाले उपभोक्ता अमानक तौल व माप होने से ठगे जा रहे हैं। अधिकारियों की उदासीनता से कुछ जगह पत्थरों के बांटों का इस्तेमाल हो रहा है, तो कहीं बिना सील तराजू, बांट, कांटे, लीटर व मीटर को उपयोग होते देखा जा सकता है।
म.प्र. की शिवराज सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। चाहे राशन हो, बिजली हो, दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी महंगाई की सीमा पर कर रही हैं। अनाज, सब्जी, पेट्रोल, बिजली, गैस से लेकर हर वस्तु आम आदमी की पहुंच से बाहर है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर आरोप लगाया कि प्रदेश में शासन की योजनाओं का लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंच रहा है। भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा सारी योजनाओं का लाभ अपने तरीके से अपने लोगों को पहुंचाया जा रहा है। राशन योजनाओं में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है।
घोटालों में फंसे लोगों को बचाया जा रहा है, आम उपभोक्ता प्रदेश के परेशानी झेल रहे है। पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष पंकज राठौर ने कहा कि भाजपा की शिवराज सरकार के शासन में स्थानीय स्तर से प्रदेश स्तर तक सरकारी तंत्र भ्रष्ट हो गया है। छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही, युवाओं को रोजगार नहीं है, महिलाएं सुरक्षित नहीं, किसान को खाद, बिजली, पानी नहीं, फसलों का दाम नहीं। पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्ग पर अत्याचार चरम पर है। महंगाई आसमान छू रही है और दलाली और कमीशन खोरी हर जगह है। बिजली महंगी, गैस महंगी, उस पर गरीबों के राशन में भी घोटाला, सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है, और विकास के नाम पर यह पैसा नेताओं और अधिकारियों की जेब में जा रहा है।