राजेश पाराशर ने चौपाल को बनाया चुनावी प्रयोगशाला
इटारसी। रसायन की प्रयोग प्रयोगशाला से निकल कर गांवों की चौपाल तक पहुंचे विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर (Science teacher Rajesh Parashar) अध्यापन के लिये नहीं बल्कि पंचायत चुनावों में हर मत की अहमियत को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
होशंंगाबाद जिले के आदिवासी ग्राम केसला के विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर इन दिनों ग्रामों में पहुंचकर नवाचारी प्रयोग से पंचायत चुनावों में हर एक वोट की कीमत बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रयोग को होशंगाबाद जिले के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं जिला पंचायत के सीईओ मनोज सरियाम के निर्देशन में किया जा रहा है।
करके देखो और समझो का सिद्धांत सीखने का सबसे अच्छा मंत्र होता है, और यही बात राजेश पाराशर के इस नवाचारी जागरूकता कार्यक्रम में देखी जा रही है। प्रयोग में एक-एक करके ग्रामीण आते हैं और प्रतीकात्मक वोट डालते जाते हंै। जैसे-जैसे वोट डलते जाते हैं प्रतीकात्मक सरकार का रंग बदलते जाता है। इस नवाचारी जागरूकता कार्यक्रम में युवा, व्यस्क, दिव्यांग एवं वृद्ध सभी प्रकार के मतदाताओं को इस प्रयोग में शामिल करके उनके वोट का महत्व बताया जाता है। इसके साथ ही ईवीएम में वोट देने का सही तरीका भी बताया जाता है।
श्री पाराशर ने बताया कि पपेट, पोस्टर, रंगोली जैसे परंपरागत माध्यम से हटकर केमिकल के प्रयोग से रंग परिवर्तन से अलग-अलग सरकार बनाने का यह प्रयोग संभवत: देश में पहला प्रयास है। जागरूकता के इस प्रदर्शन में एमएस नरवरिया सहयोग कर रहे हैं।