इटारसी। कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण लीला पुरुषोत्तम उन्होंने अपने द्वापर अवतार में जितनी भी लीला की हैं, वह समूचे संसार को शिक्षाप्रद ज्ञान प्रदान करती है। उक्त उद्गार आचार्य नरेंद्र तिवारी ने हनुमान धाम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह के पांचवे दिवस में व्यक्त किए।
रोहले परिवार के द्वारा आयोजित संगीत में श्रीमद् भागवत कथा समारोह के पांचवे दिवस में उपस्थित श्रोताओं के समक्ष आचार्य श्री तिवारी ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का संगीत मय वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु श्री कृष्ण ने जमुना जी में कालिया नाग का मान मर्दन कर स्वच्छता का संदेश दिया है, क्योंकि कालिया नाग जमुना जी के जल को प्रदूषित करता था
और उसका उपयोग जनमानस नहीं कर पाते थे। इसी प्रकार उन्होंने गोवर्धन लीला के माध्यम से इंद्र के अहंकार का मर्दन किया और वृंदावन वासियों को एकजुट होकर अपने अधिकारों के प्रति लडऩा सिखाया है। इसी प्रकार और भी लीलाओं के माध्यम से प्रभु श्री कृष्ण ने समस्त जनमानस को जीवन जीने की कला का एक बेहतर संदेश दिया है।
भगवान श्री कृष्ण की इन बाललीलाओं के ज्ञानार्जन के साथ ही आचार्य श्री तिवारी ने मधुर भजनों की प्रस्तुति भी दी जिस पर श्रोता झूम उठे।
उपरोक्त भागवत कथा समारोह के मुख्य यजमान अशोक रोहले ने बताया कि पांचवे दिवस की कथा के समापन पर भगवान श्री कृष्ण एवं महावीर बजरंगबली को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया गया जिसे बाद में भक्तों को वितरित किया। हनुमान धाम मंदिर में आयोजित इस भागवत सत्संग का समापन 15 अप्रैल को पूर्णाहुति महाआरती एवं भंडारे के साथ किया जाएगा।