नर्मदापुरम। नर्मदा कॉलेज में मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत युवाओं में नेतृत्व गुणों का विकास विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
आयोजन का उद्देश्य युवा विद्यार्थियों में कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, निर्भीकता, निर्णय लेने की क्षमता और सामुदायिक भावना का विकास करना रहा। प्राचार्य डॉ ओएन चौबे ने स्वागत उद्बोधन में विद्यार्थियों से कहा कि नेतृत्व क्षमता व्यक्तित्व विकास के गुणों का ही एक अंश है। इस प्रतिस्पर्धा के युग में हर युवक को विभिन्न कौशलों और गुणों को विकसित करना आवश्यक है। इसमें प्रभावी भाषण कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, निडरता और सफलता के साथ असफलता को स्वीकार करने की भावना का विकास होता है। दृष्टिकोण भी समूह की भावना पर केंद्रित होता है।
मुख्य वक्ता डॉक्टर केजी मिश्र ने अपने व्याख्यान में बताया कि एक ही नेता यदि सक्षम है तो समाज को विकास की ओर ले जाएगा जिसमें अपराधिक प्रवृत्ति को दंडित किया जाए और अच्छे नागरिक को पुरस्कृत किया जाए। नेतृत्व व्यवहारिक हो, निष्पक्ष हो और सही समय पर सही निर्णय लेने वाली होना चाहिए। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी के नेतृत्व नीति के कई उदाहरण प्रस्तुत किए। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ बीसी जोशी ने कहा कि स्वानुशासन में रहकर गुणों का विकास करना, धैर्य, दूरदर्शिता और रचनात्मकता कुशल नेतृत्व के लक्षण हैं।
डॉ हंसा व्यास ने अमृत महोत्सव और नेतृत्व कौशल का आपस में गहरा संबंध बताया जो आजादी की विभिन्न क्रांतियों के माध्यम से हमने इतिहास में पढ़ा है। हेमंत शर्मा ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। संचालन सुश्री हनीफा ने, आभार प्रदर्शन संयोजक डॉ जेके कमलपुरिया ने किया। डॉ राजदीप भदौरिया, शिव कांत मौर्य, सुश्री हनीफा, यासमीन खान, डॉ अंजना यादव और एनसीसी कैडेट्स उपस्थित रहे।