महोदय ,
लोकसभा चुनाव में मतदान में वृद्धि के लिये जिला प्रशासन आये दिन मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है लेकिन मतदान केंद्रों को दुरुस्त करने हेतु प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नजर नहीं आती। न्यास कॉलोनी में शासकीय कन्या महाविद्यालय में बनाए गए मतदान केंद्र की स्थिति बेहद दयनीय है। इस महाविद्यालय में दो मतदान केंद्र है जिनमें से एक में तो जरूरत से ज्यादा मतदाता ठूंस दिये गए हैं और दूसरे मतदान केंद्र में नाममात्र के मतदाता हैं। इसका परिणाम ये होता है कि एक मतदाता केंद्र पर भीड़ की तादाद बढ़ने से बहुत से मतदाता मतदान करने से वंचित हो जाते हैं। जो मतदाता शेष रह जाते हैं, वे भारी जद्दोजहद के बीच मतदान कर पाते हैं। जिनमें बड़ी संख्या में महिला वोटर होती हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी को चाहिये कि वो या तो दोनों मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर रखे या फिर यहां पर एक मतदान केंद्र और बढ़ाया जाए ।
इधर अमानवीयता का परिचय देते हुए प्रशासन ने गम्भीर रूप से अस्वस्थ शासकीय कर्मचारियों को भी चुनाव कार्य में जोत दिया। परिणामस्वरूप प्रशिक्षण के दौरान ही मतदान कर्मी दम तोड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत् दिनों ग्राम बोरना मिट्ठा के स्कूल में पदस्थ शिक्षक विनीत मालवीय का सोहागपुर में चुनाव प्रशिक्षण के दौरान ही हृदय घात से दुखद निधन हो गया। अफसोस कि प्रशिक्षण चलता रहा। हास्यास्पद तो यह है कि प्रशिक्षण में उपस्थित रिटर्निंग ऑफीसर ने मात्र श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। जबकि इसके लिये जिम्मेदार निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जानी चाहिए। यहां ये भी बताया जाना जरूरी है कि अस्वस्थ शासकीय कर्मचारी निर्वाचन अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते रह जाते हैं मगर उनको चुनाव ड्यूटी से मुक्त नहीं किया जाता । हालांकि ऐसे कर्मचारियों के पास पर्याप्त चिकित्सा प्रमाण पत्र / मेडिकल रिपोर्ट होतीं हैं परंतु किसी को भी इन्हें देखने की फुर्सत नहीं होती । जबकि इन कर्मचारियों में वृद्ध तथा महिला शासकीय कर्मचारी भी होते हैं। अधिकारियों के इस अमानवीय रवैये का परिणाम विनीत मालवीय जैसे शिक्षक की असामयिक मृत्यु के रूप में सामने आता है। रिटर्निंग ऑफिसर ऐसे ख़ौफ़नाक मंजर को देखने के बाद भी खींसें निपोरते नजर आते हैं। यही इस देश का दुर्भाग्य है।
विनोद कुशवाहा
एल आई जी / 85
न्यास कॉलोनी
इटारसी