रात 2 बजे तक चला कवि सम्मेलन
इटारसी। राजपूत कुल शिरोमणि महाराजा महाराणा प्रताप जयंती आज नगर में धूमधाम से मनायी। दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन आज शस्त्र पूजा के बाद शौर्य यात्रा निकाली गयी।राजपूत कुल शिरोमणि महाराजा महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रमों के तहत सोमवार को दोपहर में 2 बजे शस्त्र पूजा का आयोजन किया गया।
आये इस कार्यक्रम में राजपूत समाज के युवाओं और क्षत्राणी ने शामिल होकर पहले मां भगवती की पूजा की इसके बाद शस्त्र की पूजा की गई। इसके पश्चात विभिन्न प्रतियोगिता में जीते प्रतिभागी को अवार्ड दिया गया।
अतिथियों का किया सम्मान
आज कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जीवन सिंह शेरपुर प्रदेश अध्यक्ष श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और संगठन मंत्री शैलेन्द्र सिंह झाला को पगड़ी बाँधी और प्रशस्ति पत्र व तलवार से सम्मान किया।
महाराणा प्रताप की चलित ट्राफी हुई प्रारंभ
क्षत्राणी इकाई द्वारा आज श्रीमती अंजू तोमर की स्मृति में महाराणा प्रताप की चलित ट्राफी से सम्मान की शुरुआत की। यह सम्मान युवा इकाई को दिया गया।
शाम को सभी राजपूत समाज ने शौर्य यात्रा निकाली गई जो फ्रेंड्स स्कूल में प्रारंभ हुई और शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शोभायात्रा वापस फ्रेन्ड्स स्कूल में समाप्त हुई।
इन संस्थाओं ने किया स्वागत
आज शोभायात्रा का जगह जगह स्वागत किया गया जिसमें सिंधी समाज, कुर्मी समाज, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा और ब्राह्मण समाज की महिला और युवा इकाई ठंडा, पानी, और फूलो से स्वागत किया।
देर रात तक चला कवि सम्मेलन
महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर जयस्तंभ चौक पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कवि सम्मेलन में देश के जाने-माने कवियों ने मां और भारत माता के सम्मान में कविता पढ़ी। मुख्य अतिथि राजपूत महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर राघवेंद्र सिंह तोमर, एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान, भरत सिंह राजपूत, दर्शन सिंह चौधरी, राहुल सिंह सोलंकी उपस्थित थे। इसके अलावा लखन बैस, शैलेंद्र सिंह, बलदेव सिंह सोलंकी, मनीष ठाकुर, मोती सिंह राजपूत, परेश सिंह सिकरवार, नीरज सिंह चौहान, गोल्डी बैस, विकास पंवार, आशीष सोलंकी, बादल ठाकुर, बबली ठाकुर, नितेश राजपूत, राम राजपूत, सौरभ सिंह, मोहन सोलंकी, जवाहर सिंह राजपूत, शैलेंद्र सिंह राजपूत, शैलेन्द्र सिंह, धर्मेश सिंह सोलंकी, भूपेंद्र सिंह राजपूत, तीरथ सिंह राजपूत उपस्थित रहे।
कवि सम्मेलन में रामप्रताप सिंह भदावर ने वीर रस की ओजपूर्ण कविता का पाठ किया। वीर रस के कवि सुमित ओरछा जब कविता का पाठ किया तो श्रोता उन्हें सुनते रह गए और कविता सुनकर श्रोताओं ने कई बार तालियों से उन्हें सम्माान दिया। कवि दिनेश देशी घी ने श्रोताओं को गुदगुदाया और समा बांध दिया।
लक्ष्मण नेपाली ने मजाकिया अंदाज में कविता करते हुए गहरे महत्व की बातें कही।
इसके अलावा कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि शंशिकांत यादव और श्रृंगार रस की कवियत्री रुचि चतुर्वेदी ने कविता पाठ किया।