इटारसी। आज लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) के माध्यम से सांसद उदय प्रताप सिंह (Uday Pratap Singh) ने प्रश्नकाल के दौरान महत्वपूर्ण प्रश्न किया, कि क्या केंद्र सरकार आगामी समय में पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी में शामिल करने के लिए जीएसटी काउंसिल से आग्रह करेगी? जिससे देश में इनकी दर में कमी तथा समानता आ सके।
सांसद प्रश्न के उत्तर में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंघ पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि 2010 में यूपीए सरकार द्वारा पेट्रोलियम सेक्टर के डिरेगुलेशन के बाद से पेट्रोलियम पदार्थो का मूल्य अंतरराष्ट्रीय कीमत पर आधारित है। आज 85 प्रतिशत पेट्रोलियम प्रोडक्ट आयात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक लीटर पेट्रोल की ग्लाइन्डेड कॉस्ट 45 रुपये है, पेट्रोलियम कम्पनी 4 रुपये लेती है, केंद्र सरकार 32 रुपये की एक्ससाइज ड्यूटी लगाती है। इस पर राज्य सरकारें अधिकतम 39 प्रतिशत तक भी टैक्स लगा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले संशोधन के बाद पेट्रोलियम को जीएसटी के अंतर्गत लाने की बात जीएसटी काउंसिल पर निर्भर है, उनकी ओर से ही रिकमेंड किया जाना है। यहां यह बताना आवश्यक होगा कि पेट्रोल से 32 रुपए प्रति लीटर और अन्य एक्साइज ड्यूटी का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए, 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त वैक्सीन देने के लिए, देश के किसानों को एमएसपी प्रदान करने के लिए, 10 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। उज्ज्वला योजना जैसी और भी जनकल्याणकारी योजनाओं में इस एक्साइज ड्यूटी का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा किया गया है।
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सांसद ने लोस में पूछा, पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी में शामिल करेंगे?


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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