इटारसी। फर्जी आदिवासी जाति प्रमाण (fake tribal caste proof) मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार प्रमोद पगारे ने अधिवक्ता ऐश्वर्य साहू के माध्यम से हाईकोर्ट में एक केविएट दायर की है। पगारे ने बताया कि एडीएम होशंगाबाद के द्वारा पुनरीक्षण याचिका क्रमांक 03 का निपटारा करते हुए शंकर रसाल के द्वारा जो याचिका प्रस्तुत की गई थी उसको निरस्त कर दिया गया था और आदेश में स्पष्ट लिखा था कि निचली अदालत द्वारा जो प्रतिवेदन बनाया गया है उसमें हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं है। अब उन्होंने शंकर रसाल के विरुद्ध उच्च न्यायालय में एक कैविएट दायर की गई है जिसमें अनुरोध किया गया है यदि संबंधित व्यक्ति उपरोक्त प्रकरण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में आता है तब प्रमोद पगारे के पक्ष को भी सुना जाए।