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पारसियों का नववर्ष, नवरोज मुबारक

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  • अखिल दुबे

हजारों वर्ष पूर्व से हमारे पूर्वज अपने आप को आर्य सनातनी कहते आए हैं, जिसका गहन उल्लेख वेदों में भी है। हम आर्य और हमारा देश, हमारी भूमि आर्यावर्त। एक देश है ईरान, जिसका पूर्व नाम फारस था, और भाषा फारसी और फारसी का हिंदी में शाब्दिक अर्थ है, आर्यन। ईरान पारसियो का देश था, लेकिन मुस्लिम आक्रांताओं, हमलावरों, के कारण यहां के मूल निवासियों पारसियों को देश छोड़कर भागना पड़ा। जिन पार्सियों ने मुस्लिम धर्म अपना लिया वो वहीं रुक गए, जिनने मना कर दिया, वे खदेड़ दिए गए। और इन्हें शरण दी आज से 1000 वर्ष पहले, भारत ने गुजरात में। गुजरात के राजा को पारसियों ने वचन दिया कि भारत में हम रहेंगे, ऐसे घुलमिल जायेंगे, जैसे दूध में शक्कर। आज देखिए, अपनी कही बात को पारसियो ने 100 प्रतिशत सिद्ध किया। जर्मन, यहूदियों( इजराइलियों) की ही तरह पारसियों का भी डीएनए बेहद मेधावी, प्रतिभाशाली, उन्नत और परिष्कृत है।

यहूदी बुद्धिमान होने के साथ-साथ आक्रामक, अद्भुद योद्धा और जीवट थे, जिसके चलते इन्हें अपना देश इसराइल पुन: प्राप्त हो गया। लेकिन पारसी योद्धा, जीवट नहीं थे किंतु बेहद बुद्धिमान थे, जिसके चलते इन्हें अपना देश ईरान/फारस खोना पड़ा। इनके धार्मिक स्थल, संस्कृति, इतिहास, साहित्य को ईरान में समूल नष्ट कर दिया, विध्वंस कर दिया। पारसी दुनिया की 7 अरब आबादी में मात्र 90 हजार हैं, उनमें से लगभग सभी गुजरात, मुंबई में एक भारतीय के रूप में रहते हैं। पारसियों का ठोस और तार्किक दावा है कि वे भी आर्य हैं। वर्तमान में ये आरती करते हैं, रंगोली बनाते हैं, फारसी छोड़कर पूरी तरह हिंदी/ गुजराती बोलते हैं। विस्मयकारी एक बात और है कि 2000 वर्ष पहले हमारे आर्य/सनातनियों ने जो रीति रिवाज, उत्सव, परंपराएं का परित्याग कर दिया था, भुला दिया था, इन सभी का पालन ये पारसी आज भी पूरी शिद्दत के साथ करते हैं।

हमारी ही तरह ये नारियल, बैल, गाय, अग्नि, सूर्य की उपासना करते हैं। हवन, यज्ञ करते हैं। है न अचंभित करने वाली बात? ये भी हमसे ज्यादा भारतीय राष्ट्रभक्त, अनुशासित, सृजनशील और मां भारती के उपासक हैं। इन पारसियों का धर्म भी हमारे, ग्रीक, मिस्र,यहूदियों की तरह समतुल्य और बेहद प्राचीन भी है। विशुद्ध हिंदुस्तानी/पारसी जैसे रतन जमशेद टाटा, सैम मानेकशॉ, दादाभाई नौरोजी, साइरस मिस्त्री, साहेब जी नरीमन, आदि। पुन: पारसियों के नव वर्ष नवरोज/नोरॉज की सभी आर्य/ भारतीयों को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं।

(लेखक के अपने निजी विचार हैं)

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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